यूएन ने जताई चिंता, 3 करोड़ लड़कियों पर खतने का खतरा
संयुक्त राष्ट्र। अगले एक दशक में दुनियाभर में तीन करोड़ से अधिक लड़कियों पर खतना होने का खतरा मंडरा रहा है। यूनिसेफ ने यह बात अफ्रीका और मध्य एशिया के 2
संयुक्त राष्ट्र। अगले एक दशक में दुनियाभर में तीन करोड़ से अधिक लड़कियों पर खतना होने का खतरा मंडरा रहा है। यूनिसेफ ने यह बात अफ्रीका और मध्य एशिया के 29 देशों का अध्ययन करने के बाद कही है।
सिन्हुआ एजेंसी ने संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि खतने की प्रक्रिया से गुजरी करीब 12.5 करोड़ लड़कियां जीवित हैं। इस प्रक्रिया में लड़कियों के जननांगों को काट दिया जाता है। इस प्रक्रिया को मानवाधिकारोंका उल्लंघन माना जाता है। लड़कियों के जननांगों को काटने की प्रक्रिया अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशियाई देशों में होती है। ऐसी मान्यता है कि इससे महिलाओं के कौमार्य की रक्षा होती है।
रिपोर्ट में कहा है कि कुछ देशों में बड़ी संख्या में पुरुष इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। मगर इस संवेदनशील मुद्दे पर खुलकर बातचीत न होने के कारण भविष्य में लाखों लड़कियों का खतना होने का खतरा है। यूनिसेफ की उप कार्यकारी निदेशक गीता राव ने कहा कि रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सिर्फ कानून बनाने से काम नहीं चलेगा। अब चुनौती यह है कि पुरुषों को साफ-साफ बोलने दिया जाए कि वे इस हानिकारक प्रथा को त्यागना चाहते हैं। सोमालिया, मिस्र, गुयाना में यह प्रथा आज भी जारी है। हालांकि केन्या, तंजानिया, बेनिन, इराक, लीबिया, नाइजीरिया में इसमें उल्लेखनीय कमी आई है।
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