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लापता विमान के ब्लैक बॉक्स से पांचवीं बार मिले सिग्नल

मलेशिया के लापता विमान एमएच370 की खोज में लगे ऑस्ट्रेलियाई विमान को गुरुवार को दक्षिण हिंद महासागर के सुदूर इलाके में उसके ब्लैक बॉक्स से मेल खाते सिग्नल फिर मिले हैं। इससे पिछले एक महीने से विमान के मलबे को लेकर जारी तलाश में महत्वपूर्ण सफलता मिलने की उम्मीद जगी है।

By Edited By: Published: Thu, 10 Apr 2014 09:48 PM (IST)Updated: Thu, 10 Apr 2014 09:48 PM (IST)

पर्थ। मलेशिया के लापता विमान एमएच370 की खोज में लगे ऑस्ट्रेलियाई विमान को गुरुवार को दक्षिण हिंद महासागर के सुदूर इलाके में उसके ब्लैक बॉक्स से मेल खाते सिग्नल फिर मिले हैं। इससे पिछले एक महीने से विमान के मलबे को लेकर जारी तलाश में महत्वपूर्ण सफलता मिलने की उम्मीद जगी है।

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यह पांचवा सिग्नल भी उसी खोजी क्षेत्र में मिला है जहां पूर्व में खोजी दल के सदस्यों को ब्लैक बॉक्स के चार संभावित सिग्नल मिले थे। गत आठ मार्च को लापता हुए इस विमान में 239 लोग सवार थे।

तलाशी अभियान में समन्वय कर रही ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी ज्वाइंट एजेंसी कोआर्डिनेशन सेंटर [जेएसीसी] के प्रमुख एयर मार्शल [सेवानिवृत्ता] एंगस ह्यूस्टन ने कहा कि गुरुवार दोपहर को मलबे की तलाश के दौरान ऑस्ट्रेलियाई पोत ओशियन शील्ड के आसपास आरएएएफ एपी-3सी ओरियन एयरकॉफ्ट को सिग्नल मिले। ध्वनि के इन आंकड़ों का रातोंरात फिर से विश्लेषण करने की जरूरत है, लेकिन इसके मानव निर्मित स्रोत से आने की संभावना है। एक दिन पहले ही उन्होंने उम्मीद जताई थी कि खोजकर्ता एमएच370 के जलमग्न होने के स्थान के करीब हैं। साथ ही कहा था अगले कुछ दिनों में हम मलबे से संबंधित कुछ खोज लेंगे जिससे विमान के इसी इलाके में गिरने की पुष्टि होगी।

ब्लैक बॉक्स का मिलना यह जानने के लिए काफी महत्वपूर्ण है कि आखिर आठ मार्च को क्या हुआ था जब मलेशियाई एयरलाइन का बोइंग 777 विमान कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरने के एक घंटे बाद रडार से ओझल हो गया था। ब्लैक बॉक्स में लगी बैटरी सिर्फ 30 दिन काम करती है और यह अपेक्षित समय पूरा हो चुका है। यह इस प्रकार डिजाइन की जाती है कि पानी के संपर्क में आने पर उच्च क्षमता वाले सिग्नल भेजने में सक्षम होती है। ओशियन शील्ड में लगे अमेरिकी उपकरण टोड पिंगर लोकेटर को मंगलवार को दो नए सिग्नल मिले थे। यह सिग्नल सप्ताहांत में मिले दो सिग्नल के समान थे।

खोजी दायरा हुआ सीमित : बुधवार को तलाशी इलाके को 75 हजार वर्ग किलोमीटर तक सीमित कर दिया है जिसे ऑस्ट्रेलियाई समुद्री सुरक्षा अधिकारियों [एएमएसए] के अधिकारियों ने गुरुवार को 57,923 वर्ग किमी कर दिया। एक महीने की खोज के दौरान यह अब तक का सबसे छोटा दायरा है। खोज का केंद्र पश्चिमोत्तार पर्थ से करीब 2280 किमी दूर दक्षिण हिंद महासागर में है। गुरुवार को तलाशी अभियान में 10 सैन्य विमान, चार नागरिक विमान और 13 समुद्री जहाज लगे रहे। हालांकि मलबे से संबंधित अभी तक कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा है।

लापता मलेशियाई विमान के ब्लैक बॉक्स से फिर मिले दो बार सिग्नल


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