दुनिया की आंखों का तारा बनीं मलाला युसूफजई
तालिबान आतंकियों के हाथों मौत की दहलीज पर पहुंची पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई आज दुनिया की जानी पहचानी हस्तियों में से एक हैं। पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा के लिए संघर्ष करने वाली मलाला उस वक्त अचानक सुर्खियों में आई थी जब 2012 में उसे तालिबान आतंकियों ने स्कूल से आते समय गोली मार दी थी।
नई दिल्ली। तालिबान आतंकियों के हाथों मौत की दहलीज पर पहुंची पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई आज दुनिया की जानी पहचानी हस्तियों में से एक हैं। पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा के लिए संघर्ष करने वाली मलाला उस वक्त अचानक सुर्खियों में आई थी जब 2012 में उसे तालिबान आतंकियों ने स्कूल से आते समय गोली मार दी थी। उस वक्त उसे बचाने के लिए पूरी दुनिया से आवाजें उठने लगी थीं। लिहाजा पाकिस्तान को उसे बेहतर इलाज के लिए ब्रिटेन भेजना पड़ा था।
मलाला के जीवन का यही वो पड़ाव था जब वह देश और दुनिया के अखबारों की सुर्खियों में छा गई और अचानक से ही लोगों की जुबान पर मलाला का नाम आ गया। ब्रिटेन में चले इलाज के बाद आज मलाला विश्व भर की लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज बुलंद किए हुए है।
पिछले वर्ष मलाला यूसुफजई को ब्रिटेन की सबसे प्रभावशाली एशियाई हस्ती के रूप में सम्मानित करते हुए प्रतिष्ठित जीजी-2 लीडरशिप एंड डाइवर्सिटी पुरस्कार से नवाजा गया था। इसके अलावा इसी वर्ष जनवरी में नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय मूल के लेखक वीएस नायपॉल और पाकिस्तान की कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई को ब्रिटेन के 500 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया। प्रकाशन विशेषज्ञ डेब्रेट और द संडे टाइम्स अखबार की इस प्रभावशाली 500 लोगों की सूची में 25 अलग-अलग क्षेत्रों के हस्तियों को शामिल किया गया था।
12 जनवरी 1997 को पाकिस्तान के मिंगोरा में जन्मी मलाला अब यूं तो ब्रिटेन में रह कर पढ़ाई कर रही हैं। अब इंटरनेशनल चिल्ड्रन पीस प्राइज और नोबल पीस प्राइज पाने के बाद मलाला की तूती चारों और बोल रही है। मलाला उन चुनिंदा हस्तियों में शामिल है जो संयुक्त राष्ट्र को संबोधित कर चुकी हैं।
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