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ईरान: मतदान के लिए लगी लंबी लाइनें, इब्राहीम रईसी-हसन रूहानी के बीच कांटे का मुकाबला

देशभर में मतदान करने के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। उदारवादी धर्मगुरु रुहानी ने इस चुनाव को महान नागरिक स्वतंत्रता एवं अतिवाद के बीच चयन के रूप में पेश करने की कोशिश की है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Fri, 19 May 2017 12:59 PM (IST)Updated: Fri, 19 May 2017 12:59 PM (IST)
ईरान: मतदान के लिए लगी लंबी लाइनें, इब्राहीम रईसी-हसन रूहानी के बीच कांटे का मुकाबला

दुबई, रॉयटर्स। ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान हो रहा है। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ। यहां इब्राहीम रईसी और हसन रूहानी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने मतदान पेटी में अपना मत-पत्र डाला।

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खामनेई ने लोगों से बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचकर वोट डालने की अपील की। उन्होंने कहा कि ईरान में राष्ट्रपति चुनाव महत्वपूर्ण हैं और लोगों को अधिकाधिक संख्या में वोट डालने चाहिए।

ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी की देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोलने और ठहरे आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के प्रयासों को लेकर फैसला देने के लिए आज मतदान शुरू हो गया है। राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रुहानी के सामने कट्टरपंथी धर्मगुरु इब्राहिम रईसी (56 वर्ष) की कड़ी चुनौती है, जिन्होंने स्वयं को गरीबों के रक्षक के रूप में पेश किया है और पश्चिम के खिलाफ कड़ा रख अपनाए जाने की अपील की है।

सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने सुबह आठ बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात तीन बजकर 30 मिनट) पर मतदान शुरू होने के कुछ ही मिनटों बाद अपना मत डाला। 

देशभर में मतदान करने के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। उदारवादी धर्मगुरु 68 वर्षीय रुहानी ने इस चुनाव को महान नागरिक स्वतंत्रता एवं अतिवाद के बीच चयन के रूप में पेश करने की कोशिश की है। रईसी ने कहा कि वह वर्ष 2015 में वैश्विक शक्तियों के साथ किए गए परमाणु समझौते का पालन करेंगे, जिसके तहत प्रतिबंधों में राहत के बदले ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक की बात की गई है लेकिन उन्होंने निरंतर आर्थिक मंदी का जिक्र करते हुए कहा कि यह इस बात का सबूत है कि रुहानी के राजनयिक प्रयास विफल रहे हैं।

इसके जवाब में रुहानी ने मतदाताओं से अपील की कि वे कट्टरपंथियों को ईरान के नाजुक राजनयिक मामलों से दूर रखें। रुहानी ने अपनी मशहद रैली में कहा, ‘‘राष्ट्रपति के एक गलत फैसले से युद्ध छिड़ सकता है और एक सही निर्णय से शांति आ सकती है।'' यह चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं जब अमेरिका और ईरान के संबंधों में तनाव पैदा हो गया है।

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