लंदन में ट्रक से कहर बरपाने की थी साजिश, पाकिस्तानी खुर्रम था हमलावरों का सरगना
लंदन ब्रिज पर वैन दौड़ाकर आठ लोगों को कुचलने वाले आतंकियों का सरगना पाकिस्तानी मूल का खुर्रम था।
लंदन (रायटर)। लंदन ब्रिज पर वैन दौड़ाकर आठ लोगों को कुचलने वाले आइएस समर्थक आतंकियों ने और ज्यादा लोगों की जान लेने की साजिश रची थी। इसके लिए उन्होंने 7.5 टन वजन ढोने वाला मध्यम दर्जे का ट्रक किराये पर लेने की कोशिश की थी लेकिन धन की कमी से वे सफल नहीं हुए थे। अगर ट्रक हमलावरों को मिल जाता तो निश्चित रूप से तीन जून को लंदन में हुआ हमला ज्यादा दर्दनाक होता। फ्रांस के नीस शहर में जुलाई 2016 में ट्रक से कुचलकर 77 लोग मारे गए थे।
लंदन पुलिस की आतंकवाद निरोधी इकाई के प्रमुख कमांडर डीन हेडन ने बताया कि हमलावरों ने जिस वैन का इस्तेमाल किया, उसके पिछले हिस्से में पेट्रोल बम भी रखे हुए थे लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं हुआ। लोगों को कुचलने के बाद तीनों आतंकियों ने सिरेमिक से बने छुरों से बोरो मार्केट इलाके में लोगों पर हमला किया। उनका ठिकाना रहे बार्किग इलाके के कमरे से कुरान भी मिली है जिसका शहादत से संबंधित अध्याय वाला पन्ना खुला हुआ था।
हालांकि हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आइएस ने ली है लेकिन ऐसा कोई सुबूत नहीं मिला है जिससे पता चले कि हमलावरों को ब्रिटेन या अन्य किसी देश से कोई निर्देशित कर रहा था। हमलावरों की पहचान पाकिस्तानी मूल के खुर्रम बट्ट, इतालवी मूल के यूसेफ जागबा और रेचिड रेडौन के रूप में हुई है। रेचिड का संबंध लीबिया, मोरक्को और आयरलैंड से था। माना जा रहा है कि खुर्रम दल का नेतृत्व कर रहा था। पुलिस ने सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर इन तीनों को मार गिराया था।
हेडन ने बताया कि जांच में हमले के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क नहीं पाया गया है। लेकिन यह जांच की जा रही है कि अलग-अलग पृष्ठभूमि के तीनों हमलावर कैसे आपस में मिले। उनका कैसे आपस में परिचय हुआ और उन्होंने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया। लंदन ब्रिज और बोरो मार्केट पर हुए हमलों में आठ लोग मारे गए थे और 50 घायल हुए थे। मारे गए लोगों में तीन फ्रांसीसी, दो ऑस्ट्रेलियाई और एक-एक स्पेन, कनाडा और ब्रिटेन के थे। यह लंदन में सन 2005 के बाद हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था। उसमें लोकल रेल नेटवर्क पर हमला करके 52 लोग मारे गए थे।
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