चीनी मीडिया ने मोदी पर मढ़ा 'ओछी चालें चलने' का आरोप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी चीन यात्रा से पहले चीनी मीडिया ने उन पर करारा हमला बोला है। एक सरकारी समाचार पत्र ने मोदी पर सीमा विवाद और सुरक्षा मसलों को लेकर 'ओछी चालें चलने' का आरोप मढ़ा है। समाचार पत्र के मुताबिक मोदी अपनी घरेलू छवि चमकाने के लिए
बीजिंग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी चीन यात्रा से पहले चीनी मीडिया ने उन पर करारा हमला बोला है। एक सरकारी समाचार पत्र ने मोदी पर सीमा विवाद और सुरक्षा मसलों को लेकर 'ओछी चालें चलने' का आरोप मढ़ा है। समाचार पत्र के मुताबिक मोदी अपनी घरेलू छवि चमकाने के लिए इस तरह की 'ट्रिक्स' आजमा रहे हैं। साथ ही लेख में मोदी को नसीहत दी गई है कि वे भविष्य में कभी विवादित सीमा क्षेत्र (अरुणाचल प्रदेश) का दौरा न करें। लेख में यह भी कहा गया है कि भारत सरकार दलाई लामा को समर्थन देना पूरी तरह से बंद करे और तिब्बत मसले को भारत-चीन संबंधों की बाधा बनाना बंद करे।
ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के एक शोधकर्ता हू झियोंग के लेख में कहा गया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी जापान, अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत कर रहे हैं, ताकि भारत में खराब आधारभूत संरचनाओं की स्थिति से निबटा जा सके और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। लेकिन पिछले साल उनके कूटनीतिक कदमों से साबित हुआ है कि वे कल्पनाशील होने बजाय उपयोगितावादी (प्रैग्मेटिस्ट) हैं।
अब चीन की मीडिया में भी मोदी के चर्चे
मोदी आगामी 14 से 16 मई तक चीन के दौरे पर रहेंगे। उनकी इस यात्रा से पहले चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के समाचार पत्र में यह तीखा लेख प्रकाशित हुआ है। लेख में नसीहत दी गई है कि भारत और चीन के नेताओं को न सिर्फ राजनीतिक विश्वास बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए, बल्कि तय सिद्धांतों पर अडिग रहकर उन्हें अपनी कार्यप्रणाली में भी शामिल करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि मोदी भविष्य में विवादित सीमा क्षेत्र (अरुणाचल प्रदेश) का दौरा न करें और न ही द्विपक्षीय संबंधों पर बनी सहमति का उल्लंघन करने वाला कोई बयान दें।
समाचार पत्र ने पड़ोसी देशों को लेकर मोदी की नीतियों पर भी निशाना साधा है। लेख में कहा गया कि मोदी चीन से प्रतिस्पर्धा करते हुए पड़ोसी देशों से संबंध बढ़ाने में व्यस्त हैं। वह सिल्क रोड परियोजना के जरिये चीन द्वारा निर्मित की गई आर्थिक विकास की संभावनाओं का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। मोदी सीमा विवादों और सुरक्षा संबंधी मसलों को लेकर भी 'ओछी चालें' चल रहे हैं, ताकि चीन से तोल-मोल में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए घरेलू स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा बढ़ा सकें।
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