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आइएस ने तबाह किया तीन हजार साल पुराना शहर

इराक में ऐतिहासिक शहरों को तबाह करने का इस्लामिक स्टेट (आइएस) का अभियान बदस्तूर जारी है। अब उत्तरी इराक के हातरा शहर में इस आतंकी गुट ने तबाही मचाई है। तीन हजार साल पुराने इस शहर में मौजूद पार्थियन साम्राज्य के अवशेषों को नष्ट कर दिया गया है। इराक के पर्यटन

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2015 05:59 AM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2015 06:19 AM (IST)
आइएस ने तबाह किया तीन हजार साल पुराना शहर

बगदाद। इराक में ऐतिहासिक शहरों को तबाह करने का इस्लामिक स्टेट (आइएस) का अभियान बदस्तूर जारी है। अब उत्तरी इराक के हातरा शहर में इस आतंकी गुट ने तबाही मचाई है। तीन हजार साल पुराने इस शहर में मौजूद पार्थियन साम्राज्य के अवशेषों को नष्ट कर दिया गया है।

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इराक के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। स्थानीय लोगों के हवाले से मंत्रालय ने बताया है कि शनिवार की सुबह इस शहर में जबरदस्त विस्फोट किया गया। इसके बाद आइएस के आतंकियों ने कुछ बड़ी इमारतों और अन्य अवशेषों को नष्ट कर दिया। मोसुल से 110 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित हातरा यूनेस्को के विश्व विरासत सूची में शामिल है।

भारी वाहनों से किया नष्ट

आइएस आतंकियों ने इराक के एक अन्य प्राचीन शहर निमरूद को भी तबाह कर दिया है। इराकी सरकार के अनुसार बृहस्पतिवार को आतंकियों ने सांस्कृतिक और पुरातत्व महत्ता वाले इस तीन हजार साल पुराने शहर को भारी वाहनों से नष्ट कर दिया। तिगरिस नदी किनारे स्थित इस शहर में लूटपाट भी की। मोसुल से लगभग 30 किमी दूर निमरूद का 1250 ईसा पूर्व में निर्माण किया गया था। यह शहर लंबे समय तक असेरियन साम्राज्य की राजधानी रहा है। इराक के एक अन्य ऐतिहासिक शहर मोसुल में भी ऐसी कार्रवाई को अंजाम दिया जा चुका है।

संरा ने बताया युद्ध अपराध

संयुक्त राष्ट्र ने आइएस द्वारा ऐतिहासिक धरोहरों को नष्ट किए जाने पर चिंता जताई है। उसने इन घटनाओं को युद्ध अपराध करार दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने भी गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि प्राचीन सभ्यता को नष्ट करना निंदनीय है।

अल-बगदादी से खदेड़े गए आतंकी

वाशिंगटन। इराकी फौज ने कुर्द लड़ाकों के साथ मिलकर हिमरीन के बाद अब सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण फरात नदी के तट पर स्थित अल-बगदादी शहर से भी इस्लामिक स्टेट (आइएस) के आतंकियों को खदेड़ दिया है। आइएस आतंकियों ने फरवरी में अल-बगदादी शहर पर कब्जा कर लिया था। अमेरिकी सेना ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। अल-बगदादी शहर पर आइएस के कब्जे से अमेरिकी एयरबेस के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया था। यहां इराकी जवानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन की ओर से जारी बयान के मुताबिक इराक के सुरक्षाबल और अनबार क्षेत्र के विद्रोहियों ने सामूहिक अभियान चलाकर आइएस आतंकियों को अल-बगदादी से खदेडऩे में सफलता पाई। शहर के दो थानों और फरात नदी पर बने तीन पुलों पर अब इराकी फौज का कब्जा है। इस पूरे अभियान में अमेरिकी सेना ने हिस्सा नहीं लिया, लेकिन आतंकियों से लोहा लेने वाले सुरक्षाबलों को निगरानी के अलावा अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गईं।

सीरिया में ईसाई गांवों को फिर बनाया निशाना

बेरुत। उत्तर-पूर्वी सीरिया में आइएस आतंकियों ने ईसाई गांवों को फिर से निशाना बनाया है। मानवाधिकार संगठन असेरियन नेटवर्क के मुताबिक हसाका शहर से 35 किमी दूर ताल तमार इलाके में स्थित तीन गांवों को निशाना बनाया है। पिछले महीने आतंकियों ने इसी इलाके में हमला कर 220 ईसाइयों को अगवा कर लिया था।

दूसरी ओर, सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार सीरियाई सेना के हवाई हमले में आइएस कमांडर दीव हेदीजान अल तैबी की मौत हो गई है। हमादी उमर शहर के पास हुए हमलों में 26 अन्य आतंकियों के मारे जाने की भी खबर है।

इस बीच, सीरिया के संयुक्त राष्ट्र स्थित राजदूत ने अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से कहा है कि वह राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार की वैधता को स्वीकार करें और पश्चिम एशिया को बांटने की अपनी विफल नीति छोड़ दें।

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