आतंक की नई पीढ़ी तैयार कर रहा खतरनाक आतंकी संगठन आईएस
सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट (आइएस) आतंक की नई पीढ़ी तैयार करने में जुटा है।
लंदन। सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट (आइएस) आतंक की नई पीढ़ी तैयार करने में जुटा है। विदेशी लड़ाकों के बच्चों को वह बकायदा हैवानियत और बर्बरता का प्रशिक्षण दे रहा है। यूरोपीय संघ की एजेंसी यूरोपोल ने आतंकवाद पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इसको लेकर आगाह किया है।
मासूमों को लड़ाके और आत्मघाती हमलावर बनाने का प्रचार भी किया जा रहा है। आइएस के वीडियो में छोटे बच्चों को मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण लेते, एक-दूसरे से लड़ते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान उन्हें पुराने लड़ाके निर्देश देते रहते हैं। कुछ बच्चों को बम बनाने, गला रेतने और आत्मघाती हमले का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
इंडिपेंडेंट के अनुसार एक वीडियो में चार साल के ब्रिटिश बच्चे को दिखाया गया है। क्यूलियम फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक आइएस शासित इलाकों में 50 से ज्यादा ब्रिटिश बच्चे रह रहे हैं। इसके अलावा 31 हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाएं भी इन इलाकों में रह रही हैं। रिपोर्ट में बच्चों को आतंकी गतिविधियों का प्रशिक्षण दिये जाने पर चिंता जताते हुए इसे सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों को लड़ाई में भाग लेने की इजाजत नहीं है।
उन्हें अपने होने वाले बच्चों को आइएस की विचारधारा से ओतप्रोत करने के तरीके सिखाए जा रहे हैं। इसके अलावा खाना बनाने, सफाई करने और अपने भविष्य के पति "जिहादियों" की देखभाल करना भी सिखाया जाता है। यूरोपोल के मुताबिक पांच हजार से ज्यादा यूरोपीय आइएस में शामिल होने के लिए सीरिया और इराक जा चुके हैं। हालांकि हालिया आतंकरोधी कारवाइयों और हवाई हमलों के कारण इस चलन में कमी आई है।
लेकिन, अब सीरिया और इराक से घर लौटे ऐसे लोग सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बन गए हैं। ये आइएस के लिए पैसा जुटाने, नए लड़ाकों की भर्ती करने, कट्टरता का प्रचार-प्रसार करने, हमलों की साजिश रचने के अलावा भविष्य के आतंकियों के लिए रोल मॉडल भी साबित हो रहे हैं। हाल के ब्रसेल्स और पेरिस हमलों में शामिल आतंकी भी सीरिया में आइएस की ओर से लड़ चुके थे।