छात्रों में इंटरनेट की लत बन रही परिवार में कलह की जड़
कहा जाता है कि अति किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती और यह बात इंटरनेट पर भी पूरी तरह लागू होती है। एक अध्ययन में छात्रों में इंटरनेट की लत को परिवारों में बढ़ती कलह का कारण पाया गया है।
न्यूयॉर्क। कहा जाता है कि अति किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती और यह बात इंटरनेट पर भी पूरी तरह लागू होती है। एक अध्ययन में छात्रों में इंटरनेट की लत को परिवारों में बढ़ती कलह का कारण पाया गया है।
अध्ययन के मुताबिक, कॉलेज में पढ़ने वाले ऐसे बच्चे जिन्हें इंटरनेट की लत है, परिवार के साथ उनके संबंध खराब रहने की आशंका होती है। अध्ययन में इस बात के लिए बच्चों के साथ-साथ उन अभिभावकों को भी दोषी ठहराया गया है जो अपने लिए और बच्चों के लिए इंटरनेट के प्रयोग के लिए समयसीमा तय नहीं करते। इस अध्ययन को प्रॉब्लेमेटिक इंटरनेट यूज (पीआइयू) से निपटने के लिए रणनीति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जॉर्जिया स्टेट यूनिसर्विटी के सुजैन स्निडर ने कहा कि पीआइयू में खराब मानसिक स्वास्थ्य, अवसाद, अति सक्रियता, ध्यान की कमी, सामाजिक भय या शराब की लत जैसी स्थिति देखने को मिलती है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि कॉलेज जाने वाले बच्चे इसकी जद में आसानी से आ जाते हैं, क्योंकि उनके पास असीमित इंटरनेट की सुविधा होती है और उनकी पढ़ाई भी ऐसी होती है जिसमें इंटरनेट का प्रयोग जरूरी हो जाता है। पहली बार अभिभावकों की निगरानी से बाहर निकलने वाले बच्चे इस सुविधा और पर्याप्त समय होने के कारण इंटरनेट की लत पाल लेते हैं। ऐसे बच्चे अपने अभिभावकों से अक्सर कट जाते हैं। उन्हें लगता है कि उनके माता-पिता इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। अध्ययन में ऐसे बच्चों को शामिल किया गया जो पढ़ाई और जरूरी काम से इतर इंटरनेट पर हफ्ते में 25 घंटे या इससे ज्यादा वक्त बिताते हैं।