आतंकवाद पर भारत ने सुरक्षा परिषद को लताड़ा
आतंकवाद से निपटने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य राष्ट्रों की बेरुखी की भारत ने कड़े शब्दों में आलोचना की है। यूएन में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ने वीटो अधिकार प्राप्त देशों को लताड़ते हुए आतंकवाद जैसे गंभीर मसलों से निपटने में परिषद की क्षमताओं पर भी गंभीर
संयुक्त राष्ट्र। आतंकवाद से निपटने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य राष्ट्रों की बेरुखी की भारत ने कड़े शब्दों में आलोचना की है। यूएन में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ने वीटो अधिकार प्राप्त देशों को लताड़ते हुए आतंकवाद जैसे गंभीर मसलों से निपटने में परिषद की क्षमताओं पर भी गंभीर सवाल उठाए।
भारत की ओर से यह टिप्पणी मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी की रिहाई पर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई में चीन द्वारा अड़ंगा लगाने के कुछ दिनों बाद आई है। यूएन चार्टर को स्वीकार करने के 70 साल पूरे होने के मौके पर सैनफ्रांसिस्को में आयोजित कार्यक्रम में अशोक मुखर्जी ने आतंकवाद के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा, 'आतंकियों पर लगाम लगाने में परिषद के कुछ स्थाई सदस्यों की उदासीनता से कई सवाल उठते हैं। सुरक्षा परिषद को प्रतिबंध लगाने का अधिकार है, इसके बावजूद सदस्य राष्ट्रों द्वारा उचित कार्रवाई नहीं करने से आतंकवाद जैसी चुनौतियों से निपटने में परिषद की क्षमताओं पर भी प्रश्नचिह्न लगा है।' मुखर्जी का इशारा लखवी की रिहाई पर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के भारत के प्रस्ताव पर चीन द्वारा वीटो लगाने पर था।
आतंकवाद से निपटने में पिछले कुछ वर्षो में सुरक्षा परिषद के रिकॉर्ड को भी उन्होंने निराशाजनक बताया। सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए मुखर्जी ने कहा कि पिछले सत्तर वर्षो में सुरक्षा परिषद ने आंतरिक चुनावों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं अपनाई है।
भारत को यूएन में घसीटने की तैयारी में पाकिस्तान
आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने को लेकर पाकिस्तान भारत को संयुक्त राष्ट्र में घसीटने की तैयारी में है। मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के कार्यकर्ताओं को कराची में उथल-पुथल मचाने के लिए धन और प्रशिक्षण मुहैया कराने की खबरों के बाद पाकिस्तान यह कदम उठाने पर विचार कर रहा है। यूएन में पाकिस्तान की राजदूत डॉ. मलीहा लोधी सरकार से विचार-विमर्श के लिए इन दिनों इस्लामाबाद आई हुई हैं।