संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने रखा विचार
सुरक्षा परिषद सुधारों पर इसी वर्ष अंतर सरकारी बातचीत (आइजीएन) शुरू हुई। इस बात का उल्लेख करते हुए अकबरुद्दीन ने साल भर में हुई प्रगति और झुकाव को उजागर किया।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से सुरक्षा परिषद सुधार की दिशा में प्रगति लाने का आग्रह किया है। भारत ने बदलाव से अलग रहने और व्यवस्था बहाली का ढांचा नहीं होने पर चेतावनी दी है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने सोमवार को कहा, 'आज की वैश्विक वास्तविकता और शांति और सुरक्षा बढ़ाने से संबंधित प्राथमिक वैश्विक शासन तंत्र के बीच बुनियादी असमानता कृत्रिम और असमान्य है। इसके बावजूद हम खुद को बातचीत की जगह अपना राग अलापने तक सीमित रख रहे हैं।'
यह भी पढ़ें: मसूद अजहर पर प्रतिबंध के लिए यूएन पहुंचा अमेरिका, चीन ने किया विरोध
सुरक्षा परिषद सुधारों पर इसी वर्ष अंतर सरकारी बातचीत (आइजीएन) शुरू हुई। इस बात का उल्लेख करते हुए अकबरुद्दीन ने साल भर में हुई प्रगति और झुकाव को उजागर किया। उन्होंने कहा कि 2015 में कुल 122 सदस्य देशों ने ढांचा दस्तावेज में योगदान दिया है और उन्होंने सुरक्षा परिषद सुधार के लिए अपना विचार स्थापित किया है। वर्ष 2016 में सुधार मुद्दे पर बड़ी संख्या में सदस्य देशों ने अपनी स्थिति स्थापित की और सहमति तैयार करने के लिए मिलकर काम किया। काम के तरीके और आमसभा एवं सुरक्षा परिषद के बीच संबंध पर एक सिद्धांत पत्र का आधार तैयार किया था।
यह भी पढ़ें: आतंकी हमलों की कमजोर कवरेज पर भड़के ट्रंप, 78 आतंकी हमलों की सूची जारी
पाकिस्तान ने भारत की आलोचना की
भारत को निशाना बनाते हुए संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में स्थायी जगह देने की मांग को खारिज किया। पाकिस्तान ने आलोचना करते हुए ग्रुप फोर के देशों भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान का नाम नहीं लिया। पिछले 20 वर्षो से चारों 15 सदस्यीय निकाय में स्थायी जगह देने की मांग कर रहे हैं।