हिंद महासागर में भारत और अमेरिका रखेंगे चीनी पनडुब्बियों पर नजर
हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भारत और अमेरिका मिलकर नजर रखेंगे।
नई दिल्ली, रायटर । हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भारत और अमेरिका मिलकर नजर रखेंगे। हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों की बढ़ी गतिविधियों के बाद भारत और अमेरिका ने अपने नौसैनिक सहयोग को बढ़ाने का फैसला किया है। दक्षिण चीन सागर के बाद हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों से भारत की चिंता बढ़ी है। अच्छे संबंधों के बावजूद कई दशकों की हिचक को त्यागते हुए बीते अप्रैल में भारत ने अमेरिका के लिए अपने सैन्य अड्डों के इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी।
दक्षिण चीन सागर पर भारत के रुख से बिफरा चीन
ऐसे में अमेरिका को अब चीन के ज्यादा नजदीक जाकर उस पर नजर रखने में सुविधा हो जाएगी। इसी के साथ भारत और अमेरिका पनडुब्बी के खिलाफ युद्धकला को भी साझा करेंगे। एक वरिष्ठ भारतीय नौसैनिक अधिकारी के अनुसार हिंद महासागर में हर तीन महीने में चार बार चीनी पनडुब्बी दिखाई देती हैं। कई बार वे अंडमान-निकोबार द्वीपों के नजदीक होती हैं। हाल ही में भारत और अमेरिका की नौसेनाओं ने हिंद महासागर में संयुक्त अभ्यास किया था। इसमें खासतौर से पनडुब्बी के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले अत्याधुनिक पी-8 विमान का इस्तेमाल किया गया था। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने दोनों देशों के इस संयुक्त अभ्यास के विषय में ज्यादा कुछ बताने से इन्कार कर दिया था।
अमेरिका फिलीपींस और जापान के साथ मिलकर भी चीनी पनडुब्बियों पर नजर रखने की रूपरेखा बना रहा है। निगहबनी का यह सिलसिला परमाणु हथियारों वाली चीनी पनडुब्बियों की सक्रियता से बढ़ा है। भारत भी इसके जवाब में परमाणु हथियार वाली मिसाइलों से लैस पनडुब्बी निकट भविष्य में ही तैनात करने जा रहा है। यह पनडुब्बी पूरी तरह से भारत में तैयार होगी।