आर्थिक अस्थिरता का सामना कर सकता है पाक: IMF
IMF के पूर्वानुमान अनुसार पाकिस्तान के जीडीपी ग्रोथ में बढ़त होगी बशर्ते सुधार कार्य जारी रहें नहीं तो देश को आर्थिक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।
इस्लामाबाद (प्रेट्र)। संवेदनशीन पनामा पेपर्स लीक पर राजनीतिक तनाव के बीच आईएमएफ ने चेताया है कि अगर पाकिस्तान अपने सुधार कार्यों को जारी रखने में विफल होता है तो पिछले तीन वर्षों में अर्जित पाकिस्तान की व्यापक आर्थिक स्थिरता कमजोर हो सकती है। पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के स्थानीय प्रतिनिधि टोखिर मिर्जोव ने कहा कि इसके जरिए मिलने वाले फायदे के लिए आर्थिक सहायता की जरूरत होती है जो अधिक स्थायी होता है। मिर्जोव ने चेताया कि अगर सुधार कार्यों में कमी आती है तो मौजूदा ट्रेंड के कारण व्यापक आर्थिक स्थिरता में कमी आ सकती है।
पनामा पेपर्स लीक मामले में नवाज शरीफ को लेकर बनी राजनीतिक अस्थिरता के बीच यह चेतावनी आयी है। सुप्रीम कोर्ट ने कल इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि फैसले से देश में हंगामा होगा या नहीं। पनामा पेपर्स ने गत वर्ष खुलासा किया था कि विदेशों में नवाज शरीव व उनके बेटे बेटियों के नाम से कंपनियां हैं। नवाज की विवादित संपत्तियों में लंदन के पार्कलेन के कीमती चार फ्लैट भी शामिल हैं।
पिछले तीन सालों में पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में सुधार देखा गया है। IMF के अनुसार, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 2017 व 2018 में ऐसे ही बढ़ती रहेगी। IMF ने जीडीपी वृद्धि के लिए पूर्वानुमान में बताया था कि वित्त वर्ष 2017 में 4.7 से 5 फीसद की बढ़ोत्तरी होगी। साथ ही यह भी उल्लेख किया कि इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण प्रयासों की जरूरत होगी।
उन्होंने बताया फिलहाल अर्थव्यवस्था एक इंजन पर चल रही है और वह इंजन है आयात सेक्टर जबकि दूसरा इंजन ‘निर्यात सेक्टर’ गायब है।