मानव ने 15 हजार साल पहले ही बना लिए थे मिंट्टी के बर्तन
लंदन। मिंट्टी के बर्तन इतनी पुरानी खोज हैं, यह अब तक सोचा भी नहीं गया था। हिमनद काल के मानव ने 15 हजार साल पहले इनको तैयार कर लिया था। वह अपने खाने के लिए मछलियां मिंट्टी के बर्तनों में ही पकाते थे।
लंदन। मिंट्टी के बर्तन इतनी पुरानी खोज हैं, यह अब तक सोचा भी नहीं गया था। हिमनद काल के मानव ने 15 हजार साल पहले इनको तैयार कर लिया था। वह अपने खाने के लिए मछलियां मिंट्टी के बर्तनों में ही पकाते थे।
ब्रिटेन, नीदरलैंड, स्वीडन और जापान के वैज्ञानिकों के संयुक्त रूप से किए गए एक शोध में यह जानकारी सामने आई है। यह अध्ययन ब्रिटेन की यार्क यूनीवर्सिटी की ओर से कराया गया है। शोध के लिए वैज्ञानिकों ने हिमकाल के प्रारंभिक दौर यानी लगभग 15000 साल पहले के बर्तनों को एकत्र कर उनकी सतह पर पाए गए रासायनिक तत्वों का परीक्षण किया।
अब तक अक्सर यह सवाल उठता रहा है मानव ने बर्तन क्यों बनाए? यह इस बात का सीधा जवाब देने वाला पहला अध्ययन है। अति प्राचीन मिंट्टी के बर्तन पूरे जापान से एकत्रित किए गए थे। इन बर्तनों के प्रयोग से शिकार करने वालों को खाना स्वादिष्ट बनाने का एक तरीका मिल गया था।
वैज्ञानिकों ने इन बर्तनों की सतह पर स्वच्छ जल और समुद्री जीवों के रासायनिक अवयव भी प्राप्त किए। कुल 101 नमूनों में से ज्यादातर में वसा में घुलनशील विटामिन मौजूद थे। अध्ययन में यह भी पता चला है कि उस समय मानव के लिए उच्च पौष्टिकता वाले जलीय खाद्य पदार्थ नहीं थे। वैसे अभी तक यह माना जाता रहा है कि कृषि कार्य शुरू होने के बाद ही मानव ने मिंट्टी के बर्तनों का प्रयोग शुरू किया।
सेंटर आफ यार्क की बायो रिसर्च सेल के प्रमुख शोधकर्ता ओलीवर क्रेग का कहना है कि आदि मानव द्वारा मछलियों को पकाने के लिए पॉटरी का प्रयोग किया जाना एक क्रांतिकारी बदलाव रहा, परंतु इससे भी ज्यादा रोचक बात यह है कि यह सब ऐसे वक्त की बात है जब बड़े जलवायु परिवर्तन हो रहे थे। यही नहीं मानव इसके अनुकूल स्वयं को ढालने के लिए संघर्षरत था।
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