पेंसलवेनिया फुटबॉल टीम का गोलकीपर, जिसके दोनों पैर नहीं हैं
एक साल पहले तक इमैनुएल हिल्टन कांगो के अनाथालय में रहा करता था। अब वह ब्लैकहॉक हाई स्कूल में अपने साथियों को प्रेरणा देता है।
पेंसलवेनिया। उसके दोनों पैर नहीं हैं, लेकिन वह पेंसलवेनिया फुटबॉल टीम में गोलकीपर की भूमिका निभाता है। एक साल पहले तक इमैनुएल हिल्टन कांगो के एक अनाथालय में रहा करता था। अब वह ब्लैकहॉक हाई स्कूल में अपने साथियों को प्रेरणा देता है। उसे चिपेवा की रहने वाली मिशेली हिल्टन ने गोद लिया है।
इमैनुएल की अक्षमता के बावजूद उसे अन्य खिलाड़ियों की तरह ही ट्रीट किया जाता है। अफ्रीकी मूल की उसकी सगी मां ने शारीरिक अक्षमता के चलते इमैनुएल को बचपन में ही सड़क के बीच में ही फेंक दिया था। ताकि जब सड़क से कोई कार गुजरे तो वह उसे टक्कर मार दे और इमैनुएल की मौत हो जाए।
मगर, उसकी किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था। एक महिला ने उसे उठाया और अनाथालय ले गईं। गोद लिए जाने व अमेरिका ले जाने से पहले इमैनुएल की पिछले साल तक वहीं परवरिश हुई। अमेरिका आने से पहले वह अंग्रेजी नहीं बोल पाता था।
अमेरिकी महिला हिल्टन और उनके पति गैरी हिल्टन ने इमैनुएल की तस्वीर चर्च के एक लेटर में देखी और उसे गोद लेने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि इमैनुएल को एक मौके की जरूरत थी और उन्होंने वह मौका दिया।
अब उस लड़के की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। उसने बताया कि शुरूआत में फुटबॉल टीम में शामिल होने में उसे डर लग रहा था, लेकिन बाद में वह आराम से इस खेल से जुड़ गया। उसके कोच ब्रिएन विताली बताते हैं कि हिल्टन पूरी टीम के साथ ही उन्हें भी प्रोत्साहित और प्रेरित करता है। वह मुझे और अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा देता है।