भारत के प्रति उदार रवैये से खफा कट्टरपंथियों के निशाने पर नवाज
भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की हिमायत करने वाले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने देश में कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए हैं।
इस्लामाबाद । भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की हिमायत करने वाले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने देश में कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए हैं। जमात-उद-दावा सहित कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करने वाली कई इस्लामी पार्टियों ने शरीफ पर भारत के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया है। मुंबई हमले के सरगना और जमात प्रमुख हाफिज सईद ने कश्मीरियों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को नेशनल प्रेस क्लब के बाहर एक सम्मेलन का आयोजन किया।
एक तरह से शरीफ सरकार को ललकारते हुए उसने पिछले तीन सालों में अपना सबसे बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उसने शरीफ पर मोहम्मद अली जिन्ना और लियाकत अली खान जैसे नेताओं के रास्ते से भटकने का आरोप लगाया। उसने कहा कि शरीफ उनके रास्ते पर चलने के लिए बाध्य हैं। उन्हें कश्मीरियों के हितों के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए। उन्हें कश्मीरियों का साथ देना चाहिए।
इसके साथ ही सईद ने पठानकोट हमले की जिम्मेदारी लेने वाले यूनाइटेड जिहाद काउंसिल की तारीफ भी की। उसने कहा कि पठानकोट में हमला कर जिहाद काउंसिल ने पाकिस्तान की मदद की है। कश्मीर फतह करने का सही वक्त आ गया है।
सईद ने एक तरफ जहां प्रधानमंत्री पर तीखा प्रहार किया, वहीं सेना प्रमुख राहिल शरीफ को सही ठहराया। उसने कहा कि सेना प्रमुख द्वारा कश्मीर को विभाजन का अधूरा एजेंडा बताना बिल्कुल सही है। इस सम्मेलन में अंसरुल उम्मा व जमाते इस्लामी जैसे कई संगठनों के प्रतिनिधि और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के कानूनी सहायक अहमद रजा कसूरी भी मौजूद थे।