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अरुण जेटली ने अमेरिका के सामने उठाया एच-1बी वीज़ा का मुद्दा

अधिकारियों के अनुसार, रोस ने बताया कि अमेरिका ने वीजा मामले की समीक्षा शुरू कर दी है और अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 07:08 PM (IST)Updated: Fri, 21 Apr 2017 07:10 PM (IST)
अरुण जेटली ने अमेरिका के सामने उठाया एच-1बी वीज़ा का मुद्दा
अरुण जेटली ने अमेरिका के सामने उठाया एच-1बी वीज़ा का मुद्दा

वाशिंगटन, प्रेट्र : अमेरिका दौरे पर गए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्रंप प्रशासन के सामने एच-1बी वीजा का मुद्दा उठाया है। उन्होंने अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विलबर रोस को इस मुद्दे पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया। रोस के साथ मुलाकात के दौरान जेटली ने उन्हें याद दिलाया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में भारतीय पेशेवरों का बड़ा योगदान रहा है।

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी सप्ताह एच-1बी वीजा प्रावधानों को कड़े करने वाले अधिनियम पर हस्ताक्षर कर दिया है। ट्रंप प्रशासन के अनुसार, इसका मकसद वीजा का दुरुपयोग रोकना है। नई व्यवस्था के तहत सिर्फ अति प्रशिक्षित आवेदकों को वीजा जारी किया जाएगा। हालांकि, भारतीय आइटी जगत वीजा प्रावधानों को कड़े करने के फैसले से चिंतित है, जिसका उपयोग मुख्यत: घरेलू आइटी पेशेवर कम समय के लिए अमेरिका जाने में करते हैं।

रोस को भारतीय चिंताओं से अवगत कराते हुए जेटली ने कहा कि हमारे अति प्रशिक्षित पेशेवरों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाई है और उनको ऐसा करने से नहीं रोका जाना चाहिए। इसका जारी रहना दोनों देशों के हित में है। अधिकारियों के अनुसार, रोस ने बताया कि अमेरिका ने वीजा मामले की समीक्षा शुरू कर दी है और अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। समझा जाता है कि रोस ने कहा कि समीक्षा का निष्कर्ष कुछ भी निकले, लेकिन ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य योग्यता आधारित आव्रजन व्यवस्था लागू करना है। इसके तहत अति प्रशिक्षित पेशेवरों को बढ़ावा दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: एच1बी वीजा पर विदेश मंत्रालय का बयान- आदेश पास होने के बाद होगा फैसला


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