कॉस्मिक किरणों से प्रभावित हो सकते हैं विमान यात्री
एक नई रिपोर्ट के अनुसार सौर तूफान से निकलने वाली कॉस्मिक किरणों का विमान के यात्रियों पर भीषण प्रभाव पड़ सकता है। चालक दल के सदस्यों पर इसका सबसे गहरा असर होता है। सौर किरणों के दुष्प्रभाव को लेकर इंग्लैंड में सरकार ने पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड को तत्काल जांच शुरू
लंदन। एक नई रिपोर्ट के अनुसार सौर तूफान से निकलने वाली कॉस्मिक किरणों का विमान के यात्रियों पर भीषण प्रभाव पड़ सकता है। चालक दल के सदस्यों पर इसका सबसे गहरा असर होता है। सौर किरणों के दुष्प्रभाव को लेकर इंग्लैंड में सरकार ने पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड को तत्काल जांच शुरू करने का आदेश दिया है।
पिछले दिनों डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस, इनोवेशन एंड स्किल्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सौर तूफान के दौरान महासागरों के ऊपर उड़ान भरने के दौरान लोगों पर विकिरण का असर पड़ता है, लेकिन इस मामले में पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की जांच का काम जल्द पूरा होना चाहिए। इसके आधार पर सौर विकिरण से आमजन की सेहत की रक्षा से जुड़ी सिफारिशें जारी की जा सकेंगी।
हालांकि अभी तक अधिकांश हवाई जहाजों में विकिरण मापने वाले मॉनीटर नहीं होते हैं और इसी कारण यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को विकिरण से बचने की सलाह नहीं दी जा सकती। उपग्रहों से प्राप्त डाटा के अनुसार इसके लिए भूमि से नजर रखी जा सकती है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार इस काम में भी समय लगता है।
अमेरिका की कांसास यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एड्रियन मेलट के अनुसार पृथ्वी की सतह तक न पहुंचने वाले न्यूट्रॉन हवाई जहाजों तक पहुंच जाते हैं और इनका चालक दल के सदस्यों पर सबसे ज्यादा असर होता है।
धरती के लिए खतरा है कॉस्मिक किरणें
रिपोर्ट में बताया गया है कि सौर तूफान से यातायात नेटवर्क, उपग्रहों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इस कारण बिजली भी गुल हो सकती है। कई आपात स्थितियों में ऐसे तूफानों की चेतावनी केवल 12 घंटे पहले ही दी जाती है। पिछली दो सदियों में ऐसे कई सौर तूफान आ चुके हैं। 1859 में आया तूफान 500 वर्षों में सबसे बड़ा था। हालांकि उस समय तकनीक आज की अपेक्षा बहुत कम विकसित थी, लेकिन पूरी दुनिया में टेलीग्राफ खराब हो गए थे। इस वर्ष मार्च महीने में आए सौर तूफान का भी दुनिया के कुछ हिस्सों में रेडियो प्रसारणों पर गहरा असर पड़ा था।