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अमेरिका में बुजुर्ग सिख को बेरहमी से पीट कर किया घायल

अमेरिका में सिखों पर हमले का एक और मामला सामने आया है। कैलिफोर्निया राज्य में दो लोगों ने एक बुजुर्ग सिख को बेरहमी से पीट कर घायल कर दिया। पुलिस ने नफरत की हिंसा के इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2015 09:02 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2015 09:14 PM (IST)

न्यूयॉर्क। अमेरिका में सिखों पर हमले का एक और मामला सामने आया है। कैलिफोर्निया राज्य में दो लोगों ने एक बुजुर्ग सिख को बेरहमी से पीट कर घायल कर दिया। पुलिस ने नफरत की हिंसा के इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

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फ्रेस्नो इलाके में हमला तब हुआ जब 68 वर्षीय अमरीक सिंह बल शनिवार सुबह काम से बाहर निकले थे। फ्रेस्नो पुलिस सार्जेंट ग्रेग नॉल ने बताया कि सड़क पर दो लोग बल के आगे अपनी कार रोककर उन्हें भद्दी गालियां देने लगे। खतरा भांपकर बुजुर्ग सिख ने सड़क पार करना चाहा तो दोनों ने अपनी कार पीछे कर उन्हें टक्कर मार दी। इसके बाद कार से बाहर आकर दोनों ने उनके चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्से पर हमले किए।

बल जमीन पर गिर गए और उनकी सिर में चोट लगी। इस दौरान एक हमलावर चिल्ला रहा था, "तुम यहां क्यों हो।" इसके बाद दोनों हमलावर भाग गए। बल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी नाक और हाथ में खरोंच है और गर्दन की हड्डी (कॉलर बोन) टूट गई है।

नॉल ने बताया कि फ्रेस्नो पुलिस इस मामले को हल करने के लिए होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और एफबीआई के साथ समन्वय करेगी। सिख काउंसिल ऑफ सेंट्रल कैलिफोर्निया के सदस्य इकबाल ग्रेवाल ने हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि 9/11 के बाद से अमेरिका में सिखों को आतंकी और कट्टरपंथी समझने की गलतफहमी होती रही है।

सिखों पर हमले

  • 2015 में दिसंबर की शुरुआत में कैलिफोर्निया में गुरुद्वारे में तोड़फोड़ की गई।
  • सितंबर में एक सिख को शिकागो में बिन लादेन बता कर उस हमला किया गया।
  • 2014 में न्यूयॉर्क शहर में संदीप सिंह नामक सिख को आतंकी बता कार से कुचला और 30 फीट घसीट दिया।
  • 2013 के मई में दक्षिणी फ्रेस्नो में गुरुद्वारे के बाहर 82 वर्षीय पियारा सिंह पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया गया।
  • 2012 में विस्कोंसिन के ओक क्रीक में नियो-नाजी बंदूकधारी ने गुरुद्वारा में छह सिखों की हत्या कर दी।
965 नागरिक अमेरिकी पुलिस हमलों का शिकार

इस साल अमेरिकी पुलिस की कार्रवाई में 965 नागरिक मारे जा चुके हैं। एक रिपोर्ट का कहना है कि श्वेत लोगों की तुलना में अश्वेत लोगों पर छह गुना ज्यादा हमले हुए। वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान 564 लोगों के पास बंदूक थीं जबकि 281 अन्य लोगों के पास चाकू जैसे खतरनाक हथियार भी थे।


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