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इबोला पर संयुक्त राष्ट्र ने तय की 60 दिन की समय सीमा

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने आशंका जताई है कि पश्चिम अफ्रीका में पहचाना गया इबोला वायरस पूरी दुनिया में फैल सकता है। इसलिए दुनिया के सभी देशों को इसके खिलाफ तैयारी में जुटना होगा। यूएन ने इस बीमारी से चल रही जंग को जीतने के लिए 60 दिन की समय सीमा भी तय कर दी है।

By Sachin kEdited By: Published: Thu, 16 Oct 2014 12:23 AM (IST)Updated: Thu, 16 Oct 2014 12:23 AM (IST)
इबोला पर संयुक्त राष्ट्र ने तय की 60 दिन की समय सीमा

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने आशंका जताई है कि पश्चिम अफ्रीका में पहचाना गया इबोला वायरस पूरी दुनिया में फैल सकता है। इसलिए दुनिया के सभी देशों को इसके खिलाफ तैयारी में जुटना होगा। यूएन ने इस बीमारी से चल रही जंग को जीतने के लिए 60 दिन की समय सीमा भी तय कर दी है।

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इबोला से लड़ने के लिए बनाई गई टीम यूएनमीर के प्रमुख एंथनी बेनबरी ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद को बताया कि यह जानलेवा वायरस उम्मीद से कहीं तेजी से पांव पसार रहा है। यह रेस में हमसे आगे निकल सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस बीमारी से निपटने के लिए अभी तक जो प्रयास किए, वह नाकाफी हैं। यदि इबोला ने हमसे रेस जीत ली तो दुनिया को काफी कुछ खोना होगा।

एंथनी ने घाना से वीडियो कांफ्रेंसिग के द्वारा सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि इस वायरस को या तो अभी रोका जाए या फिर ऐसी भयावह स्थिति बनेगी, जिसके लिए हमारे पास कोई योजना नहीं होगी।

बेनबरी ने याद दिलाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 60 दिन की योजना बनाई है। इसके तहत वायरस प्रभावितों को अस्पताल पहुंचाना और मृतकों के शव को सुरक्षित तरीके से अंतिम संस्कार करना शामिल है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार गिनी, सियरा लियोन और लाइबेरिया में 8,376 मामलों की पहचान हुई है। इन देशों में 4,024 लोग इस भयंकर वायरस के चलते जान गंवा चुके हैं।

बेनबरी ने कहा कि हर गुजरता हुआ दिन खतरे को और बढ़ा रहा है। इस बीमारी से जंग में समय हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संगठन ने सियरा लियोन को इबोला से लड़ने के लिए उपकरण उपलब्ध कराने का एलान किया है। संस्था ने कहा कि इसके बाद लाइबेरिया और गिनी को भी यह उपकरण दिए जाएंगे।

अमेरिकी में तीसरा मामला सामना आया:वाशिंगटन। अमेरिका के टेक्सास राज्य में इबोला का तीसरा मामला सामने आया है। लाइबेरिया से आए थॉमस एरिक डंकन का इलाज करने वाला एक और स्वास्थ्य कर्मी इस जानलेवा वायरस से पीड़ित पाया गया है। इससे पहले इसी अस्पताल की एक नर्स में इबोला पाया गया था। इस स्वास्थ्य कर्मी को मंगलवार को बुखार आया। उसे अस्पताल के विशेष वार्ड में भेज दिया गया है।


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