नासा की इस तकनीक से सुरक्षित उतरेंगे ड्रोन
नासा के लैंगली रिसर्च सेंटर की तकनीकी विशेषज्ञ पेट्रिसिया ग्लैब और सहयोगियों ने ड्रोन के लिए क्रैश-लैंडिंग साफ्टवेयर विकसित किया है।
वाशिंगटन (आइएएनएस/प्रेट्र)। नासा के वैज्ञानिकों ने मानवरहित ड्रोन के बढ़ते चलन और इससे होने वाले हादसों की रोकथाम के लिए नई तकनीक विकसित की है। इस तकनीक से किसी गड़बड़ी की सूरत में ड्रोन की आपात लैंडिंग कराने में मदद मिलेगी।
शोधकर्ताओं के अनुसार, आसमान में बढ़ते ड्रोन से जान-माल को खतरा बढ़ गया है। उनके तकनीकी गड़बड़ी के चलते इनके गिरने की आशंका रहती है। इसी को ध्यान में रखकर नासा के लैंगली रिसर्च सेंटर की तकनीकी विशेषज्ञ पेट्रिसिया ग्लैब और सहयोगियों ने ड्रोन के लिए क्रैश-लैंडिंग साफ्टवेयर विकसित किया है। ग्लैब ने बताया कि ड्रोन की आठ उड़ानों के दौरान इस तकनीक का परीक्षण किया गया। ड्रोन ने कार और लोगों पर गिरने की जगह सुरक्षित लैंडिंग के लिए उन जगहों का चयन किया जहां जलभराव था।
फॉर्च्यून डॉटकॉम की खबर के अनुसार, यह साफ्टवेयर ड्रोन के मोटर और बैटरी आदि पर नजर रखता है। ड्रोन में कोई खराबी आने पर साफ्टवेयर उसकी पहचान करके उसे क्रैश-लैंडिंग मोड में कर देता है। इसके बाद यह खुद आसपास के सुरक्षित स्थान की तलाश करके ड्रोन को उस ओर ले जा सकता है। इस तकनीक से ड्रोन जमीन पर किसी वस्तु से टकराने से भी बच सकता है।
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