दिल के मरीजों की जान बचाने आएंगे ड्रोन
स्वीडन स्थित करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (एईडी) और आपात चिकित्सा सेवा (ईएमएस) से लैश एंबुलेंस की तुलना की।
लंदन, प्रेट्र : आने वाले दौर में ड्रोन दिल के मरीजों की जान बचाने के काम भी आएंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि पर्याप्त चिकित्सा उपकरणों से लैस ड्रोन हार्ट अटैक पीडि़तों की जान बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं। इन्हें एंबुलेंस की तुलना में चार गुना तेजी से मरीज तक भेजा जा सकता है।
स्वीडन स्थित करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (एईडी) और आपात चिकित्सा सेवा (ईएमएस) से लैश एंबुलेंस की तुलना की। एईडी एक ऐसा उपकरण है जो दिल की धड़कन को जांचता है और जरूरत पड़ने पर बिजली का झटका देकर धड़कन को सामान्य करता है।
अपने प्रयोग के लिए स्वीडिश कंपनी ने जीपीएस और एईडी से लैस एक ड्रोन तैयार किया। इस ड्रोन में उच्च गुणवत्ता का कैमरा भी लगाया गया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि ड्रोन किसी आपात स्थिति में ज्यादा जल्दी पहुंच सकता है।
इसे पहुंचने में लगने वाला औसत समय एंबुलेंस की तुलना में 16 मिनट तक कम पाया गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि दिल के मामले में 16 मिनट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। हालांकि इस काम में ड्रोन के विधिवत इस्तेमाल के लिए अभी व्यापक तैयारी की जरूरत है।
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