चीनी लड़ाकू विमानों ने अमेरिकी वायुसेना के विकिरण का पता लगाया
बुधवार को अमेरिका और चीनी विमानों के बीच हुए टकराव की ये वर्ष की दूसरी घटना थी।
वाशिंगटन (आईएएनएस)। अमेरिकी पैसिफिक वायु सेना के अनुसार, पूर्वी चीन सागर के उपर दो चीनी सु -30 लड़ाकू विमानों ने एक अमेरिकी वायु सेना के विकिरण का पता लगाया। अमेरिकी चालक दल ने बुधवार को किये गए WC-135 के इस चाल को "अव्यावहारिक" बताया। वायुसेना के लेफ्टिनेंट कर्नल हॉज ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी वायुसेना से प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्टों पर हम इस घटना की जांच कर रहे हैं, ये पूरी तरह से अव्यवहारिक है।
हॉज ने कहा कि इस मुद्दे को उचित राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चीन के साथ संबोधित किया जा रहा है। "कॉन्स्टैंट फीनिक्स " के रुप में डब किये गए डब्ल्यूसी -135 जेट के चार इंजन जो विशिष्ट रुप से हवा में किसी भी प्रकार का परमाणु परीक्षण कर सकती है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, सच्चाई पता करने के लिए एकत्रित किए गए नमूनों का विश्लेषण किया जा सकता है। आधिकारियों के अनुसार, पूर्वोत्तर एशिया में नियमित अभियानों पर डब्ल्यूसी -135 नियमित रूप से तैनात किया गया है। अतीत में उत्तर कोरिया द्वारा संभावित परमाणु परीक्षणों के सबूत इकट्ठा करने के लिए विमानों का उपयोग किया गया है। बुधवार को अमेरिका और चीनी विमानों के बीच हुए टकराव की ये वर्ष की दूसरी घटना थी। फरवरी में, अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने कहा कि दक्षिणी चीनी समुद्र के उपर एक अमेरिकी नेवी पी-3 ओरायन विमान और एक चीनी निगरानी विमान के बीच "असुरक्षित" मुठभेड़ था।
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