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भारत और अमेरिका को चुनौती देने के लिए चीन ने लांच किया शक्तिशाली विध्वंसक

चीनी नौसेना के नये विध्वंसक को जियांगन शिपयार्ड (समूह), शंघाई में निर्माण किया गया है जो वायु रक्षा, मिसाइल, एंटी शिपमेंट और एंटी-पनडुब्बी के हथियारों से लैस है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 02:02 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 07:05 PM (IST)
भारत और अमेरिका को चुनौती देने के लिए चीन ने लांच किया शक्तिशाली विध्वंसक
भारत और अमेरिका को चुनौती देने के लिए चीन ने लांच किया शक्तिशाली विध्वंसक

बीजिंग (प्रेट्र)। चीनी नौसेना ने पूरे विश्व में शक्तिशाली नौसेना बनने के लिए आज अपनी सबसे बड़ी नई पीढ़ी का 10,000 टन वजनी पहले विध्वंशक को लांच किया है। नौसेना के इस नये विध्वंसक को जियांगन शिपयार्ड (समूह), शंघाई में निर्माण किया गया है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह वायु रक्षा, मिसाइल, एंटी शिपमेंट और एंटी-पनडुब्बी के हथियारों से लैस है। नौसेना के हथियार व्यवस्था में सुधार लाने और एक मजबूत आधुनिक नौसेना का निर्माण करने में एक मील का पत्थर साबित होगी। दो विमान वाहकों के अतिरिक्त चीन के इस बड़े विध्वंशक को अमेरिका और खास करके भारतीय समुद्री शक्तियों से प्रतिष्पर्धा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया।

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चीनी नौसेना वर्तमान में अपनी युद्ध शक्ति बढ़ाने की कोशिश कर रहा है जो विमान वाहक के साथ समुद्री तटों से दूर मिशनों पर काम करेंगे। पहला विमान वाहक लायोनिंग चीनी नौसैनिक जहाजों के साथ 25 जून को पूर्वी चीन के किंगदाओ से रुटीन ट्रेनिंग मिशन की शुरूआत कर चुका है। चीनी रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि, नौसेना के गठन में जिनान और यिनचुआन, फ्रिगेट यंताई और जे -15 लड़ाकू विमानों और हेलीकाप्टरों के एक स्क्वाड्रन शामिल हैं।

इस प्रशिक्षण मिशन से जहाजों में समन्वय को मजबूत करने और विभिन्न समुद्री क्षेत्र में चालक दल और पायलटों के कौशल में सुधार की उम्मीद है। अप्रैल में चीन के घरेलु वाहक लांच करने के बाद, युक्रेन से खरीदे गए सोवियत जहाज के पतवारों से बने विमान वाहक लायोनिंग का यह पहला अभ्यास है। 2019 तक नए विमान वाहक के संचालन की उम्मीद है। लायोनिंग ने पहले विवादित दक्षिण चीन सागर के साथ-साथ पूर्वी चीन सागर में अपने युद्ध समूह के साथ अभ्यास किया था।

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