ब्रिटेन का यह मरीज बन सकता है दुनिया का पहला HIV मुक्त शख्स
ब्रिटेन की पांच यूनिवर्सिटी की एक टीम एचआइवी वायरस को पूरी तरह नष्ट करने के एक तकनीक को डिजायन कर रही है।
लंदन (जेएनएन)। एचआईवी का कोई इलाज दुनिया में उपलब्ध नहीं है। ब्रिटेन की पांच यूनिवर्सिटी की टीम ने एचआईवी वायरस को खत्म करने वाले मेडिकल ट्रायल को डिजायन किया है और उसका उपयोग शुरू हो गया है। वैज्ञानिक इस नये प्रायोगिक थेरैपी पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मरीज के शरीर की खून में मौजूद वायरस नहीं खोजा जा सकता था।
यह नयी थेरैपी पहले से मौजूद थेरैपी से बिल्कुल अलग है। मीडिया में आई एक खबर के अनुसार, अगर यह नयी तकनीक कारगर होती है तो एचआईवी का इलाज संभव हो जाएगा। एचआईवी संक्रमित ब्रिटिश शख्स इस नई थेरैपी की मदद से इस बीमारी से मुक्त होने वाला दुनिया का पहला व्यक्ति बन सकता है।
ब्रिटेन के पांच प्रमुख विश्वविद्यालय आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, कैंब्रिज, इंपीरियल कालेज लंदन, यूनीवर्सिटी कालेज लंदन तथा किंग्स कालेज लंदन के वैज्ञानिकों और डाक्टरों ने यह इलाज तैयार किया है। लंदन के इंपीरियल कॉलेज में कंसल्टेंट फिजिशियन, प्रोफेसर सारा फिडलर ने बताया, ‘इस थेरैपी को विशेष तौर पर इस काम के लिए डिजायन किया गया है ताकि पीड़ित के शरीर में मौजूद सभी एचआइवी वायरस को निकाला जा सके।‘
यह तकनीक दो चरणों में काम करती है। पहला- शरीर के लिए वैक्सीन जो एचआइवी संक्रमित कोशिकाओं की पहचान करता है दूसरे चरण में वॉरिनोस्टेट नामक ड्रग जो T-cells को सक्रिय बनाता है। इससे इम्यून सिस्टम को वे आवश्यक चीजें मिलती हैं जो इस वायरस से लड़ने में मददगार साबित होता है। फिड्लर ने कहा है कि इस थेरैपी को पूरा करने में लंबा वक्त लगेगा। उन्होंने बताया,’हम अगले पांच सालों तक मेडिकल जांच को जारी रखेंगे।‘
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