PoK के लिए आज ‘ब्लैक डे’, इस दिन ही पाकिस्तान ने किया था हमला
22 अक्टूबर 1947 में पाकिस्तानी आर्मी ने पाक अधिकृत कश्मीर पर हमला किया था।
मुजफ्फराबाद/ब्रुसेल्स (एएनआई)। पाक अधिकृत कश्मीर के नागरिकों के लिए आज का दिन यानि 22 अक्टूबर ‘काला दिवस’ (ब्लैक डे) है। क्योंकि आज ही के दिन 1947 में पाकिस्तानी आर्मी आदिवासियों के रूप में आए और जम्मू कश्मीर के अविभाजित राज्य पर हमला कर दिया था। पीओके के कश्मीरी आज अपने क्षेत्र से पाकिस्तानी आर्मी को तुरंत हटाए जाने की मांग कर रहे हैं।
किया था नरसंहार
1947 में विभाजन के कुछ माह बाद ही पाकिस्तानी फोर्सेज ने आदिवासियों का वेश धर जम्मू कश्मीर के रियासत पर हमला कर दिया और वहां लूट मार मचाते हुए निर्दोषों की हत्या कर दी। नरसंहार कर जम्मू कश्मीर का नक्शा बदलने के उद्देश्य से ‘कबायली’ नामक ये आदिवासी पाकिस्तान द्वारा नियोजित किए गए थे। निर्दोष कश्मीरियों पर पाकिस्तानी पठानों ने हमला कर दिया था। हजारों लोगों की जान चली गयी महिलाओं की इज्जत लूटी गयी, युवतियों का अपहरण किया गया जिनका अभी तक कोई पता नहीं चला।
लगाए जाएंगे पाक विरोधी नारे
इस दिन पूरे पीओके व दुनिया के कई अन्य हिस्सों में प्रदर्शन किए जाते हैं सेमिनार आयोजित होते हैं। मिरपुर सिटी में कैद-ए-आजम क्रिकेट स्टेडियम में दोपहर को एक रैली आयोजित होगी जिसके साथ ‘तकसीम-ए-जम्मू कश्मीर नामंजूर’ नाम से कांफ्रेंस होगी। रावलकोट, बाग, हिजारा और मुजफ्फराबाद आदि शहरों में भी रैली निकाली जाएगी और अनुमान है कि इन रैलियों में शामिल होने वाले लोग पाक विरोधी नारे भी लगाएंगे।
ब्रुसेल्स में भी विरोध
लंदन में पाकिस्तान हाइ कमीशन के बाहर निर्वासित कश्मीरियों का विरोध प्रदर्शन होगा। ब्रुसेल्स में यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी के नेता जामिल मकसूद ने बताया,’हम पाकिस्तान से मांग कर रहे हैं कि पीओके में तैनात अपने आर्मी को तुरंत हटा ले और पीओके में अपने शासक वाली नीतियों को खत्म करे।‘ हम उनसे यह भी कह रहे कि हमारे क्षेत्र को आतंक का गढ़ न बनाए। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति हैं लेकिन यहां शासन इस्लामाबाद से होता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आजाद जम्मू कश्मीर के चीफ एग्जीक्यूटिव व चेयरमैन हैं जो सभी पीओके के मामले को देखते हैं।
बलूचिस्तान और सिंध भी सुरक्षित नहीं
निर्वासित कश्मीरी नेता व यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी के चेयरमैन, सरदार शौकत अली कश्मीरी कहते हैं, 22 अक्टूबर 1947 बड़ी त्रासदी जो जम्मू कश्मीर की एकता के खिलाफ पाकिस्तान की साजिश थी। उस वक्त पाकिस्तानी नरसंहार से बचाने वाला भारत ही था। उन्होंने लोगों पर अत्याचार विशेष तौर पर महिलाओं के साथ क्रूरता के लिए पाकिस्तानी आर्मी पर आरोप लगाया और पाकिस्तान को लुटेरों का देश बताया। उन्होंने आगे कहा कि सिंध और बलूचिस्तान के लोग भी सुरक्षित नहीं है तो पीओके के लोग कहां से सुरक्षित होंगे।
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