मौत की सजा नहीं मिलेगी युद्ध के अपराधी को, बांग्लादेश की कोर्ट का फैसला
बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने 71 की लड़ाई के एक युद्ध बंदी को फांसी की सजा देने से मना कर दिया है। हाईकोर्ट से उसे उम्र कैद की सजा मिली थी।
ढाका, प्रेट्र : युद्ध के अपराधी को मौत की सजा नहीं उम्रकैद ही मिलेगी। बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला सुनाया है। बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत ने युद्ध अपराध के दोषी दिलवर हुसैन सैयदी की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। उसे 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना का पक्ष लेने का दोषी पाया गया था। सरकार ने उसके लिए मृत्युदंड की मांग की थी।
युद्ध अपराधी और जमात-ए-इस्लामी नेता सैयदी (77) पर 2011 में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 में मामला शुरू किया था। 2013 में न्यायाधिकरण ने दो मामलों में उसे मौत की सजा सुनाई थी। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी मौत की सजा को रद कर दिया और अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा था कि सैयदी आखिरी सांस तक जेल में रहेगा। दिसंबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले का विस्तृत ब्योरा सार्वजनिक किया था। फैसला सार्वजनिक होने के बाद सरकार और बचाव पक्ष ने पुनर्विचार याचिकाएं दायर कीं। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को खारिज करते हुए अपना पुराना फैसला बरकरार रखा।