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बांग्लादेश जमात नेता की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली

बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत ने 1971 के युद्ध अपराधी और कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के एक प्रमुख नेता दिलावर हुसैन सैयदी की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। अदालत ने कहा कि अब उसे मौत तक जेल में रहना होगा।

By Edited By: Published: Wed, 17 Sep 2014 04:03 PM (IST)Updated: Wed, 17 Sep 2014 04:04 PM (IST)

ढाका। बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत ने 1971 के युद्ध अपराधी और कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के एक प्रमुख नेता दिलावर हुसैन सैयदी की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। अदालत ने कहा कि अब उसे मौत तक जेल में रहना होगा।

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यह चौंकाने वाला फैसला बुधवार को चीफ जस्टिस एम मुजम्मील हुसैन ने सुनाया। खचाखच भरी अदालत में उन्होंने कहा, 'उसे मौत तक जेल में रहना होगा।' हुसैन की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने बहुमत से फैसला सुनाया। हालांकि यह नहीं बताया गया कि सैयदी की सजा को लेकर कितने जजों में मतांतर था।

सैयदी को गत फरवरी में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने मौत की सजा सुनाई थी। उस समय ट्रिब्यूनल के फैसले से देश में राजनीतिक ¨हसा भड़क उठी थी। जमात के दिग्गज नेता सैयदी ने 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता का विरोध किया था और तत्कालीन सैन्य शासकों का साथ दिया था।

इसके पहले ट्रिब्यूनल ने सैयदी को छह बड़े मामलों में दोषी पाया था जबकि सुप्रीम कोर्ट ने हत्या, दुष्कर्म और ¨हदुओं को जबरन इस्लाम कबूलवाने के तीन मामलों को सही पाया। लेकिन नरसंहार के आरोपों से उन्हें बरी कर दिया।


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