अर्जेन्टीना में 9 साल से गैराज में बंद किशोरी को बचाया
नौ साल से गैराज में बंद 15 वर्षीय एक लड़की को बुधवार को पुलिस ने छुड़ाया। उसे कैद के दौरान ब्रीवर्स यीस्ट (शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाला खमीर), रोटी और पानी दिया जा रहा था। लड़की का वजन महज 20 किलो है। पुलिस ने बताया कि लड़की के शरीर पर चोट के निशान थे। किशोरी के साथ के लिए कैद में एक बंदर और कुल
ब्यूनस आयर्स। नौ साल से गैराज में बंद 15 वर्षीय एक लड़की को बुधवार को पुलिस ने छुड़ाया। उसे कैद के दौरान ब्रीवर्स यीस्ट (शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाला खमीर), रोटी और पानी दिया जा रहा था। लड़की का वजन महज 20 किलो है। पुलिस ने बताया कि लड़की के शरीर पर चोट के निशान थे। किशोरी के साथ के लिए कैद में एक बंदर और कुत्ते को रखा गया था।
लड़की को रिहा कराने के बाद उसे ब्यूनस आयर्स के अस्पताल में ले जाया गया। इस मामले को देख रही न्यायाधीश मारिया गैब्रीला लेंज ने उसके अभिभावकों को हिरासत में भेज दिया है। न्यायाधीश ने अभिभावकों पर गुलामी और दासता, स्वतंत्रता के हनन और गंभीर चोट पहुंचाने का आरोप लगाया है। लड़की के शरीर पर बेल्ट से पीटे जाने के निशान पाए गए हैं।
जांचकर्ताओं का मानना है कि जानवरों के बचे हुए भोजन को खाने पर उसे पीटा जाता होगा। अदालत ने पाया था कि लड़की के जैविक माता-पिता उसकी देखभाल करने में असमर्थ थे क्योंकि उनके पहले ही सात बच्चे थे और वे अनिश्चित आर्थिक माहौल में जी रहे थे। इसके बाद किशोरी को कैद में रखने वाले दंपत्ति ने उसे वर्ष 2001 में गोद लिया था। दोनों परिवारों के बीच वर्ष 2005 से कोई संपर्क नहीं था और जाहिर है कि किसी को नहीं पता था कि किशोरी कैसे हालात में रह रही है।
हाल ही में 18 साल की हुई बंधक लड़की की बहन ने 15 वर्षीय किशोरी की हालत का पता चलने पर न्यायिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी। कैद से छूटी लड़की ने पुलिस को बताया कि नौ वर्षो के दौरान उसे महज दो बार ही बाहर निकाला गया और बाकी समय दुनिया से उसका संपर्क नहीं हुआ।
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