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नेपाल में द्विपक्षीय दलों ने दूसरे चरण के स्थानीय निकाय चुनाव को रद्द करने की मांग की

नेपाल में आरजेपी ने कहा है कि अनुकूल माहौल तैयार हो जाने तक 14 जून को होने जा रहे स्थानीय निकाय चुनाव को रद करना पड़ेगा।

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 18 May 2017 12:44 PM (IST)Updated: Thu, 18 May 2017 02:34 PM (IST)
नेपाल में द्विपक्षीय दलों ने दूसरे चरण के स्थानीय निकाय चुनाव को रद्द करने की मांग की
नेपाल में द्विपक्षीय दलों ने दूसरे चरण के स्थानीय निकाय चुनाव को रद्द करने की मांग की

काठमांडु (एएनआई)। नेपाल में स्थानीय चुनावों के दूसरे चरण की शुरूआत सुनिश्चित करने के लिए आरजेपी (राष्ट्रीय जनता पार्टी) नेताओं ने एक बैठक के दौरान ये प्रस्ताव दिया कि 14 जून, 2017 को स्थानीय निकाय चुनावों के दूसरे चरण का चुनाव स्थगित किया जाए। आरजेपी नेता राजेंद्र महतो ने कहा कि हमने ये साफ तौर पर कहा है कि माधेश क्षेत्र में चुनाव के लिए अच्छा माहौल तैयार हो जाने तक हमें चुनाव को रद करना पड़ेगा। अगर चुनाव के पक्ष में माहौल तैयार नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में दूसरे चरण का चुनाव नहीं किया जा सकता है।

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उन्होंने आगे कहा कि, अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए हर एक प्रांतों में जनसंख्या के मुताबिक स्थानीय निकायों की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए। हालांकि आरजेपी ने ये कहा है कि इस संविधान संशोधन में काफी समय लगने वाला है जिससे तैयारी के लिए अधिक समय नहीं मिल पाएगा। पार्टी नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व को इस चुनाव को स्थगित करने को कहा, जो इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि वह अगले साल जनवरी में होगा जिससे प्रांतीय चुनावों में बाधा पड़ेगा।

नेपाली कॉंग्रेस नेतृत्व के नेता रामचंद्र पौडेल ने कहा, हम उनके (आंदोलनकारी दलों) द्वारा की गई मांगों के साथ आगे बढ़ेंगे साथ ही दो तिहाई बहुमत को पूरा करने के लिए आम सहमति हासिल करने के लिए हम दूसरे के साथ वार्ता करेंगे उसके बाद ही फिर चुनाव में जाएंगे। उन्होंने आगे कहा, हम स्थानीय निकायों की संख्या में वृद्धि के बारे में बातचीत कर रहे हैं।

बता दें, 14 जून को नेपाल ने स्थानीय चुनावों के दूसरे चरण में शामिल होने की तैयारी कर दी है जिसमें बड़े पैमाने पर दक्षिणी मैदानों के चार प्रांत शामिल होंगे। पहले चरण का चुनाव 14 मई को हुआ था। नेपाल की संविधान सभा की बैठक गुरुवार से शुरू हो रही है, जहां प्रस्तावित संशोधन प्रस्ताव पर चर्चा करने की उम्मीद है, जो कि सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा पेश की गई है। मालूम हो कि, इसके अलावा प्रधान मंत्री पुष्पा कमल दहल ने भी इस सप्ताह प्रधान मंत्री पद से पद छोड़ने का वायदा किया है।

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