एक भारतीय छात्र ने सुलझा दी फिंगर प्रिंट की गुत्थी!
किसी जगह या सामान पर पड़े अंगुलियों के निशान कितने दिनों तक बरकरार रहते हैं, इस बात को लेकर लंबे समय से मतभेद है। लेकिन भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक अनिल जैन ने ताजा शोध में दावा किया है कि फिंगरप्रिंट कई साल तक जस के तस बने रहते हैं।
न्यूयॉर्क: किसी जगह या सामान पर पड़े अंगुलियों के निशान कितने दिनों तक बरकरार रहते हैं, इस बात को लेकर लंबे समय से मतभेद है। लेकिन भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक अनिल जैन ने ताजा शोध में दावा किया है कि फिंगरप्रिंट कई साल तक जस के तस बने रहते हैं।
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनिल जैन ने कहा, 'हम कानूनविदों और फॉरेंसिक विज्ञान से जुड़े लोगों की इस शंका का समाधान चाहते थे कि क्या फिंगरप्रिंट वाकई लंबे समय तक बरकरार रहते हैं।'
आइआइटी कानपुर के पूर्व छात्र जैन ने कहा कि कानून प्रवर्तक और फॉरेंसिक विज्ञान से जुड़े लोग अपराध के मामलों में 100 सालों से भी ज्यादा समय से फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल सुबूत के तौर पर करते आ रहे हैं। जैन और उनकी टीम ने मिशिगन स्टेट पुलिस द्वारा 12 साल की अवधि के दौरान सुबूत के तौर पर इस्तेमाल 15,597 ऐसी चीजों का अध्ययन किया, जिन पर कई बार फिंगरप्रिंट चेक किए गए थे।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि समय के साथ फिंगरप्रिंट का परिणाम खराब होने के बजाय बेहतर हो जाता है।
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