Move to Jagran APP

संसद में पेश होगा नेपाल संविधान का पहला मसौदा

लंबे समय से लटके संविधान के मसौदे को मंजूरी मिल गई है। अगर इसे लागू किया जाता है तो पहली बार नेपाल धर्म निरपेक्ष, समावेशी और बहु जातीय देश के तौर पर जाना जाएगा। इस मसौदे को 601 सदस्यीय संविधान सभा में पेश किया जाएगा जहां इस पर विचार-विमर्श होगा।

By Manoj YadavEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2015 06:50 PM (IST)
संसद में पेश होगा नेपाल संविधान का पहला मसौदा

काठमांडू। लंबे समय से लटके संविधान के मसौदे को मंजूरी मिल गई है। अगर इसे लागू किया जाता है तो पहली बार नेपाल धर्म निरपेक्ष, समावेशी और बहु जातीय देश के तौर पर जाना जाएगा। इस मसौदे को 601 सदस्यीय संविधान सभा में पेश किया जाएगा जहां इस पर विचार-विमर्श होगा।

loksabha election banner

इस मसौदे को नेपाल की राजनीतिक पार्टियों के बीच 16 बिंदुओं पर हुए समझौते के आधार पर तैयार किया गया है। नेपाल की चार बड़ी पार्टियां आठ जून को इस समझौते पर पहुंची थीं। संविधान सभा में इन चारों पार्टियों के 90 फीसद से अधिक प्रतिनिधि हैं।

संविधान सभा ने समिति को नए संविधान का मसौदा तैयार करने और उसे पेश करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था और समिति ने उस समयसीमा का पालन किया। नए संविधान के प्रावधानों के अनुसार, नेपाल को धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और बहु जातीय देश कहा जाएगा। यह इकलौता देश था जिसे संवैधानिक तौर पर हिदू राष्ट्र घोषित किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.