आम जन पर आर्थिक बोझ बढ़ाएगा बजट
बजट को दिशाहीन एवं आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालने वाला करार देते हुए वाम दलों ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए आम लोगों पर बोझ डालने का काम किया है।
नई दिल्ली। बजट को दिशाहीन एवं आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालने वाला करार देते हुए वाम दलों ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए आम लोगों पर बोझ डालने का काम किया है। साथ ही बजट में बेरोजगारी दूर करने, किसानों को राहत प्रदान करने एवं महंगाई पर प्रभावी नियंत्रण के कोई उपाए नहीं किए गए हैं।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने शुक्रवार को आम बजट में जो खाका पेश किया है वह आम आदमी के ऊपर आर्थिक बोझ और बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा कि साधन संपन्न लोगों पर बोझ डालना चाहिए था एवं मेहनतकश जनता को राहत देनी चाहिए थी, लेकिन संप्रग सरकार ने प्रत्यक्ष कर में तो राहत दी है, जिससे साधन संपन्न लोगों को फायदा मिलेगा, जबकि अप्रत्यक्ष कर में तकरीबन 45 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी से मेहनतकश जनता पर सीधे-सीधे बोझ डालने का काम किया है।
वहीं, भाकपा नेता गुरूदास दासगुप्ता ने कहा कि यह बजट अर्थहीन एवं दिशाहीन है। यह बजट लिपिकीय आकड़ेबाजी से भरा हुआ है, जिसमें अर्थव्यवस्था व आम लोगों की दशा सुधरने के लिए ठोस दिशा नहीं दिखाई देती है।
दासगुप्ता ने कहा कि बजट में रोजगार सृजन के उपाए नहीं किए गए है। साइकिल पर कर बढ़ाया गया, जबकि सेवाकर में 2 फीसदी की ही वृद्धि की गई है। यह एक अपर्याप्त बजट है, जिसमें माध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है। यह मजदूर विरोधी बजट है। इस बजट में आम लोगों को राहत प्रदान करने के कोई उपाए नहीं किए गए हैं।
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