Move to Jagran APP

बुनियाद मजबूत करने का निजी क्षेत्र पर दांव

बदहाल बिजली व विमानन क्षेत्र को उबारने तथा लटकी सड़क परियोजनाओं को पूरा करने के लिए वित्ता मंत्री प्रणब मुखर्जी ने निजी क्षेत्र पर दांव लगाया है। उसे सरकारी मदद लेने और विदेशी बाजार से कर्ज जुटाने को प्रोत्साहित किया है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बजट में कुछ कर रियायतें भी दी गई हैं। आवंटन के मामले में सड़क मंत्रालय को तरजीह दी गई है।

By Edited By: Published: Sat, 17 Mar 2012 08:27 AM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2012 01:17 PM (IST)
बुनियाद मजबूत करने का निजी क्षेत्र पर दांव

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बदहाल बिजली व विमानन क्षेत्र को उबारने तथा लटकी सड़क परियोजनाओं को पूरा करने के लिए वित्ता मंत्री प्रणब मुखर्जी ने निजी क्षेत्र पर दांव लगाया है। उसे सरकारी मदद लेने और विदेशी बाजार से कर्ज जुटाने को प्रोत्साहित किया है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बजट में कुछ कर रियायतें भी दी गई हैं। आवंटन के मामले में सड़क मंत्रालय को तरजीह दी गई है।

loksabha election banner

वित्ता मंत्री ने पावर प्लांट, सड़क-पुल, पोर्ट, शिपयार्ड, बांध, छोटे मकान, उर्वरक संयंत्र, कोल्ड चेन, वेयरहाउस, कंटेनर फ्रेट स्टेशन और अस्पतालों के निर्माण को बढ़ावा दिया है, जबकि एयरलाइनों को रियायतें दी हैं। इन्हें कर्ज पर ब्याज के अलावा आयकर तथा सीमा और उत्पाद शुल्क में राहत देने के प्रयास किए गए हैं। सरकार का जोर इन क्षेत्रों में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने पर है। लिहाजा कई क्षेत्रों में सार्वजनिक निजी भागीदारी यानी पीपीपी प्रोजेक्ट पर वायबिलिटी गैप फंडिंग के इंतजाम किए गए हैं। पहली बार 8,000 करोड़ का एक इंफ्रास्ट्रक्चर फंड सामने आया है। इंफ्रास्ट्रक्चर बांड की सफलता को देखते हुए इन क्षेत्रों के चुनिंदा पीएसयू के लिए इंफ्रा बांड जारी करने की सीमा को दोगुना कर दिया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर क्या है, इसे भी स्पष्ट करते हुए अब बाकायदा एक सूची बना दी गई है।

बिजली क्षमता बढ़ाने के लिए बिजली संयंत्रों के मुनाफे पर आयकर से छूट स्वागत योग्य है। इन संयंत्रों की ईधन समस्या दूर करने के लिए बिजली संयंत्रों को कोयला, गैस व यूरेनियम के आयात में रियायतें दी गई हैं।

सड़कों के मामले में यह अच्छा हुआ कि अब शहरी सड़कें बनाने वाले ठेकेदार भी उन्हीं रियायतों के साथ उपकरणों का आयात कर सकेंगे जो अभी राजमार्गो के ठेकेदारों को हासिल हैं। टनल बोरिंग मशीनों के आयात पर कर छूट के लिए एंड-यूज की शर्त हटाने से इन मशीनों का आयात बढ़ेगा। ऐसा खासकर मेट्रो रेल परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए किया गया है। बेहतर कर सुविधाओं और बढ़े आवंटन के भरोसे प्रणब ने राजमार्गो के निर्माण का लक्ष्य बढ़ा दिया है। यह अलग बात है कि प्रक्रियागत बाधाओं के चलते इस लक्ष्य के पूरा होने में संदेह है। राजमार्गो पर इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग लागू होनी है। इसलिए निजी क्षेत्र की टोल प्लाजा बनाने-चलाने की इच्छुक कंपनियों को भी ईसीबी की छूट दे दी गई है। इससे गुड़गांव टोल प्लाजा जैसी समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी।

विमानन क्षेत्र में विमानों के टायरों, कलपुर्जो व जांच उपकरणों के आयात में शुल्क की रियायत से संकटग्रस्त निजी एयरलाइनों का रखरखाव खर्च घटेगा। कार्यशील पूंजी के लिए ईसीबी की छूट से किंगफिशर को खास तौर पर राहत मिलेगी।

कहां चूके :

-बिजली व रीयल्टी कंपनियों को ईसीबी की छूट से इन क्षेत्रों का खास भला होगा, इसमें संदेह है।

-विदेशी एयरलाइनों को 49 फीसदी एफडीआइ की छूट पर विचार तथा एटीएफ के सीधे आयात की अनुमति की बातें पुरानी हैं।

-जो बिजली कंपनियां कोयला नहीं निकालेंगी, उनकी खदानें रद कर दी जाएंगी। यह भी सबको पता है।

-विमानों के लिए रीट्रीडेड टायरों के आयात को बढ़ावा देना सुरक्षा संबंधी सवाल खड़े करता है।

-दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के जिक्र का कोई मतलब नहीं था। यह पिछले सालों की कामयाबी है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.