इस जन्माष्टमी, ऑनलाइन आया गुजरातियों का खेल ‘तीन पत्ती’
अब अलग अलग शहरों और देशों में बसने से परिवार का एक साथ किसी त्योहार पर जमा होना मुश्किल सा हो गया है, लेकिन तीन पत्ती का खेल दूर रहते हुए भी एक साथ खेला जा सकता है क्योंकि इस खेल को ऑनलाइन जो कर दिया गया है।
नई दिल्ली। दही हांडी और पिरामिड तो है ही जन्माष्टमी के अवसर पर धूम मचाने के लिए पर एक गेम ‘तीन पत्ती’ भी जन्माष्टमी के अवसर पर खूब खेला जाता है विशेष तौर पर गुजरातियों के बीच। इस अवसर पर गुजरात के प्रत्येक परिवार में सभी सदस्य एक साथ जमा हो इस खेल को खेलते हैं। पर अब अलग अलग शहरों और देशों में बसने से परिवार का एक साथ किसी त्योहार पर जमा होना मुश्किल सा हो गया है, लेकिन तीन पत्ती का खेल दूर रहते हुए भी एक साथ खेला जा सकता है क्योंकि इस खेल को ऑनलाइन जो कर दिया गया है।
इन दिनों पारंपरिक तीन पत्ती खेल को नयी जिंदगी मिल रही है। अधिकतर परिवारों में विशेष तौर पर युवाओं को देखें तो वे विभिन्न शहरों और देशों में रह रहे हैं, उनमें से अधिकतर लोगों ने गेम के लिए डिजिटल प्लेटफार्म को अपना लिया है ताकि दूर रहते हुए भी रिश्तों में प्यार कायम रहे। एप बाजार में ढेर सारे मल्टीप्लेयर तीन पत्ती गेम उपलब्ध हैं और सभी को इसे अपने फोन पर डाउनलोड करने की जरूरत है, एक सेशन सेट करना है जब सभी गेम के नेटवर्क के जरिए जुड़ सकें और खत्म होने तक घंटों खेल सकें।
जन्माष्टमी के अवसर पर अधिकतर गेम कंपनियों ने विशेष चुनौतियां और प्रतियोगिता आयोजित की है। दिल्ली के खालसा ब्वॉयज प्राइमरी स्कूल की पूर्व प्रधानाध्यापिका मीना सचदेवा बताती हैं, ‘कृष्ण के जन्मदिन के अवसर पर गुजराती तीन पत्ती व अन्य कार्ड गेम्स खेलते हैं।‘ सूरत के एक व्यापारी करण देवलाने ने कहा, ऑनलाइन तीन पत्ती गेम को पुणे में रह रहे अपने कजिन के साथ खेल रहे हैं। उन्होंने बताया, ‘बचपन में मैं और मेरा कजिन परिवार के अन्य सदस्यों के साथ जन्माष्टमी के दिन तीन पत्ती खेलते थे। हम उस दिन उपवास करते हैं और पूरा समय इस गेम को खेलते हैं, जिससे खाने से हमारा ध्यान हटा रहता है।