'दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस व उपराज्यपाल में तालमेल की दरकार'
राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध के मुद्दे पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सरकार, उपराज्यपाल व दिल्ली पुलिस के बीच तालमेल नहीं होने को बड़ी वजह माना है।
नई दिल्ली। राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध के मुद्दे पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सरकार, उपराज्यपाल व दिल्ली पुलिस के बीच तालमेल नहीं होने को बड़ी वजह माना है।
दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बदहाल स्थिति को लेकर महिला आयोग की अध्यक्ष ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस के बीच तालमेल न होने से कानून व्यवस्था खराब हो रही है। ऐसे में गृह मंत्री को हर माह कम से कम दो बार मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल नजीब जंग, पुलिस आयुक्त और दिल्ली महिला आयोग के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था की समीक्षा करनी चाहिए।
उन्होंने गृहमंत्री को बताया कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में 2012 से लेकर अब तक 31 हजार से ज्यादा एफआइआर दर्ज हुई है, लेकिन चार्जशीट सिर्फ 13 हजार केस में की गई हैं। इसी तरह से दिल्ली पुलिस के हिम्मत एप्लीकेशन पर हजारों शिकायतें आती हैं, लेकिन कार्रवाई कुछ पर ही की गई।
यह महिला सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। इसलिए दिल्ली पुलिस को इस बारे में जवाब तबल किया जाना चाहिए। मालीवाल ने कहा कि पर्याप्त संख्या में पुलिस नहीं होने से कई पुलिसकर्मियों को लगातार 48-48 घंटे काम करना पड़ता है।
करीब 16 हजार पदों पर दिल्ली पुलिस में नई भर्ती होनी है, लेकिन केंद्र सरकार फंड की कमी की बात कर भर्ती नहीं कर रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि निर्भया फंड का इस्तेमाल पूरे देश में पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और फोरेंसिक साइंस लैब बनाने में किया जा सकता है।
मालीवाल ने कहा कि दिल्ली में शराब सेवन भी बढ़ रहे अपराधों का एक बड़ा कारण है। यदि कानून व्यवस्था की नियमित समीक्षा कर कमियां दूर की जाएं तथा दिल्ली पुलिस जनता के प्रति जवाबदेह बने तो दिल्ली में होने वाले अपराधों में कमी आएगी, इससे महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगी।