गोरखपुर में सीआरपीएफ जवान की पत्नी व तीन बच्चों की हत्या
गोरखपुर के कूड़ाघाट क्षेत्र निवासी आरपीएफ जवान की पत्नी और तीन बच्चों की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई।
लखनऊ। गोरखपुर के झरना टोला, थाड़ो लाइन निवासी सीआरपीएफ के हवलदार जवाहर लाल की पत्नी राजी उर्फ रजिया, बेटी पूनम व रूबी तथा बेटा अनूप की हत्या कर दी गई है। शुक्रवार को सुबह एक रिश्तेदार के उनके घर पहुंचने पर इस सनसनीखेज वारदात के बारे में पता चला। घटना की वजह नहीं पता चली है। परिवारीजन ने किसी से दुश्मनी से इन्कार किया है। घर में लूटपाट के भी संकेत नहीं मिले हैं। एसएसपी प्रदीप कुमार ने कहा है कि मामले की गहराई से छानबीन की जा रही है। उन्होंने जल्दी ही घटना का पर्दाफाश कर लेने की उम्मीद जताई है।
झगहा थाना क्षेत्र के बड़ी राजी जगदीशपुर निवासी जगदेव के पुत्र जवाहर लाल इन दिनों छत्तीसगढ़ में तैनात हैं। उन्होंने झरना टोले के थाड़ो लाइन में करीब साल भर पहले घर बनवाया था। उनकी पत्नी, तीनों बच्चों के साथ वहीं रहती थीं। जवाहर लाल ने 29 जुलाई को एक बार सुबह और एक बार शाम को पत्नी के मोबाइल पर फोन किया था लेकिन आवाज कट रही थी, इसलिए बात नहीं हो पाई। दूसरे दिन 30 जुलाई को दिन में कई बार पत्नी से बात करने की कोशिश की लेकिन मोबाइल स्विच आफ मिलता रहा। इससे परेशान होकर उन्होंने परिवहन निगम के गोरखपुर डिपो में परिचालक के पद पर कार्यरत अपने साले रामू को फोन किया और घर जाकर फोन न मिलने की वजह पता करने को कहा।
रात में दस बजे के आसपास रामू, बहन के घर पहुंचे तो गेट और मकान के मुख्य दरवाजे में बाहर से ताला लगा मिला। तो वह वापस लौट गए। शुक्रवार को सुबह दोबारा बहन के घर पहुंचे। उस समय भी घर में ताला लगा देखकर उन्हें शक हुआ। पड़ोसियों से बात की तो पता चला कि 29 जुलाई की रात में राजी और उसके बच्चे अंतिम बार दिखाई दिए थे। चहारदीवारी फांद कर अंदर पहुंचे। खिड़की से बाहर के कमरे में झांक कर देखा तो तख्त पर बहन की लाश दिखाई दी। इस बीच एकत्र हुए मोहल्ले के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बाद में ताला तोड़कर अंदर जाने पर जीने के पास पूनम और जीने के सामने एक अन्य कमरे में बेड पर अनूप व रूबी का शव पड़ा हुआ था। सिर पर किसी भारी चीज से प्रहार कर उनकी हत्या की गई थी। मृतकों की चमड़ी जलने जैसी हो गई थी। इस आधार पर लोगों के बीच इस बात की चर्चा रही कि हत्या करने के बाद तेजाब डाला गया है लेकिन एसएसपी ने बताया कि फोरेंसिक टीम की जांच में तेजाब की पुष्टि नहीं हुई है। गर्मी की वजह से 48 घंटे बाद आमतौर से निशान पड़ जाते हैं।