यूपी में बिजली संकट पर भड़क रहा लोगों का गुस्सा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली संकट की स्थिति में कोई सुधार नहीं है। इसको लेकर लोगों में भ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली संकट की स्थिति में कोई सुधार नहीं है। इसको लेकर लोगों में भड़का आक्रोश भी बरकरार है। गाजीपुर में सड़क और बिजली की मांग को लेकर ग्रामीणों ने आज सुबह जंगीपुर के लावा मोड़ के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाया। इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। बलिया में विद्युत दुर्व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने उप केंद्र सिकंदरपुर का घेराव कर ज्ञापन सौंपा। मऊ में बिजली संकट से जूझ रहे लोग धरने पर बैठ गए। बाराबंकी में बिजली संकट के विरोध में वकील ट्रेन का चक्का जाम किया। यहां रेलवे ट्रैक पर उतर अधिवक्ताओं को पुलिस का कड़ा प्रतिरोध भी झेलना पड़ा।
लखनऊ में गरजे भाजपा सासद
बिजली की भयंकर कटौती पर सरकार को घेरने के लिए उत्तर प्रदेश से भाजपा सासद आज लखनऊ में धरना पर बैठे और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गोरखपुर सासद योगी आदित्य नाथ तो अपने संसदीय क्षेत्र में ही गरजे जबकि केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान लखनऊ में रहकर भी धरना पर नहीं बैठे। इसके बाद भी तीन दर्जन से अधिक सासदों ने अपनी आवाज बुलंद की। इन लोगों ने उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताने के साथ ही सीएम से इस्तीफा देने की माग की।
बिजलीघर बंद रखने वाले दंडित हों
बिजली संकट की मार झेल रहे उत्तरी भारत में अडानी और रिलायंस द्वारा बिजलीघरों को बंद रखने से बिजली संकट गहरा गया है। अत: इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने केंद्रीय विद्युत मंत्री पीयूष गोयल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित उत्तरी भारत के अन्य प्रातों के मुख्यमंत्रियों से प्रभावी हस्तक्षेप करने की मांग की और कहा कि बिजलीघर बंद करने के कारणों की उच्चस्तरीय जांच कराकर कार्रवाई जाए। दरअसल, कोयले की कमी के चलते केंद्रीय क्षेत्र के 5000 मेगावाट से अधिक क्षमता के बिजलीघर बंद हैं और उत्तर प्रदेश के बिजली घरों में भी कोयला संकट से उत्पादन कम हो रहा है। ऐसी स्थिति में निजी क्षेत्र के बिजलीघरों को कोयला उपलब्ध होते हुए भी बंद करना या कम क्षमता पर चलाने का मामला गंभीर और जनता के साथ धोखा है। उत्तर प्रदेश विद्युत अभियन्ता संघ ने भी कार्रवाई की मांग की है।