अब, कर्मचारियों के निशाने पर सांसद सैनी
कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद राजकुमार सैनी अपने विवादित बयानों के लिए लगातार सुर्खियों में हैं। अब वह अपने एक बयान के कारण कर्मचारियों के निशाने पर भी आ गए हैं। पहले से ही वह जाट आरक्षण को लेकर अपने बयान के कारण जाटों के निशाने पर हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद राजकुमार सैनी अपने विवादित बयानों के लिए लगातार सुर्खियों में हैं। अब वह अपने एक बयान के कारण कर्मचारियों के निशाने पर भी आ गए हैं। पहले से ही वह जाट आरक्षण को लेकर अपने बयान के कारण जाटों के निशाने पर हैं। सांसद ने कहा था कि पंजाब के समान वेतन की मांग करने वाले वहां चले जाएं और हरियाणा में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं की जानी चाहिए।
हरियाणा के कर्मचारी नेताओं ने कड़े प्रहार करते हुए उनके बयान को गैर जिम्मेदाराना करार दिया है। कर्मचारी संगठनों ने सांसद के खिलाफ जल्द ही भाजपा के शीर्ष नेताओं को पत्र लिखने का फैसला लिया है। सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय भाजपा द्वारा जारी घोषणा पत्र में पृष्ठ संख्या 99 पर हरियाणा के कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन देने का वादा किया गया था।
उन्होंने कहा कि अब इसके खिलाफ सांसद लगातार बयानबाजी कर रहे हैं और भाजपा पूरी तरह चुप्पी साध रही है, जिससे लगता है कि सरकार के इशारे पर ही ऐसा किया जा रहा है। लांबा ने कहा कि सांसद कह रहे हैं कि अगर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया तो देश का सत्यनाश हो जाएगा।
उन्होंने सांसद से सवाल किया कि भाजपा सरकार ने गत वर्ष के केंद्रीय बजट में बड़े पूंजीपतियों को 5.70 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न प्रकार के करों से छूट दी और चालू वित्त वर्ष में 8315 करोड़ की टैक्सों में छूट व कॉरपोरेट टैक्स 30 से घटाकर 25 प्रतिशत करके लाखों करोड़ की राहत कॉरपोरेट जगत को दी, जब देश का सत्यानाश नहीं हुआ। हरियाणा सरकार ने पहले लगभग 450 करोड़ की छूट वैट में व्यापारी वर्ग को दी तो सांसद चुप क्यों रहे।
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने कहा कि कि सातवां वेतन आयोग कर्मचारी वर्ग का हक और वे इसे लेकर रहेंगे। हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के राज्य प्रधान महेंद्र प्रताप गुलिया, महासचिव सतीश सेठी व प्रैस प्रवक्ता संदीप सांगवा ने कहा कि भाजपा न तो सांसद की बयानबाजी पर रोक लगा पा रही है और न ही कर्मचारियों से किया वादा पूरा कर रही है।