कांग्रेस नेता रीता जोशी के वॉयस टेस्ट पर रोक
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ आपराधिक मानहानि के केस में वॉयस सैंपल लेने पर रोक लगा दी है। मामले की जांच कर रहे सीओ कोतवाली मुरादाबाद ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर रीता जोशी के आवाज का नमूना लेने की इजाजत मांगी थी।
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ आपराधिक मानहानि के केस में वॉयस सैंपल लेने पर रोक लगा दी है। मामले की जांच कर रहे सीओ कोतवाली मुरादाबाद ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर रीता जोशी के आवाज का नमूना लेने की इजाजत मांगी थी। सीजेएम मुरादाबाद ने 11 जून 2015 को प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए रीता जोशी को नमूना देने के लिए तलब किया था।
इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी थी। रीता जोशी के वकील ने कहा कि सीजेएम को सिर्फ हस्ताक्षर की हैंडराइटिंग का नमूना लेने का आदेश देने का अधिकार है। विवेचना के दौरान याची को आवाज का नमूना देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति आरडी खरे ने सीजेएम मुरादाबाद के आदेश पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। उल्लेखनीय है कि रीता जोशी के खिलाफ मुरादाबाद के मसौला थाने में 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने और एससीएसटी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसकी जांच सीओ कोतवाली कर रहे हैं।