एक-दूसरे की नकल करने की आदत से गई नकक्ष और निशांत की जान
कुर्सी या कपड़े के ढेर में दोनों में से एक ने पहले झांका, जिससे वह मशीन में गिर गया और उसकी नकल करने में दूसरा भी गिर गया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अवंतिका इलाके में वॉशिंग मशीन के अंदर टैंक में डूबने से जिन दोनों बच्चों (नकक्ष और निशांत) की मौत हुई, वे एक-दूसरे की नकल करते थे। एक ताली बजाता था तो दूसरा भी ताली बजाता था। दोनों की इस नकल के कारण उन्हें पड़ोसी बहुत चाहते थे। दोनों नटखट बाहर निकलते थे तो पड़ोसी उन्हें खिलाने के लिए आ जाते।
पड़ोसियों ने बताया कि हादसे के वक्त वॉशिंग मशीन के पास कपड़े का ढेर रखा हुआ था। यह भी बताया जा रहा है कि पास में बच्चों की कुर्सी भी थी। ऐसे में कुर्सी या कपड़े के ढेर में दोनों में से एक ने पहले झांका, जिससे वह मशीन में गिर गया और उसकी नकल करने में दूसरा भी गिर गया। घटना के बारे में सुनकर आस-पड़ोस का माहौल भी गमगीन है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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एकल परिवार से भी पड़ रहा है असर
महानगरीय संस्कृति में एकल परिवार के बढ़ते चलन के कारण लोगों का जीवन एकांतिक होता जा रहा है। होता यह है कि मां या पिता या फिर दोनों काम के सिलसिले में बाहर जाते हैं और बच्चे घर में अकेले या फिर सहायकों के संग रहते हैं। इससे बच्चों में कई जरूरी एहतियात की चीजों के प्रति वह समझ तेजी से विकसित नहीं हो पाती है।
ऐसे बच्चे कई बार खतरे के प्रति भी अंजान रहते हैं और मौका आने पर उससे बचाव नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा इनदिनों घरों में कई तरह के बिजली से चलने वाले उपकरण भी रहते हैं, जिसका इस्तेमाल करने को लेकर कई बार बच्चे अनजान रहते हैं।
ऐसी संस्कृति की वजह से लोगों को एक-दूसरे से बात करने का भी वक्त नहीं मिलता है। परिवारों से बुजुर्ग अपनी पहचान खो रहे हैं। उन्हें तवज्जो नहीं दी जाती है, जबकि ये बुजुर्ग परिवार को मजबूत करते हैं। छोटे बच्चों की भी देखभाल हो जाती है।