मीट फैक्ट्री मामले में फंसे संगीत सोम, बोले नाम आया तो राजनीति छोड़ दूंगा
मेरठ सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम अलीगढ़ की एक मीट फैक्ट्री में हिस्सेदारी पर सवालों के घेरे में हैं। सोम ने दो अन्य लोगों के साथ 2005 में यहां 57 बीघा (कच्चे) जमीन अल दुआ फूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम खरीदी थी।
लखनऊ। मेरठ सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम अलीगढ़ की एक मीट फैक्ट्री में हिस्सेदारी पर सवालों के घेरे में हैं। सोम ने दो अन्य लोगों के साथ 2005 में यहां 57 बीघा (कच्चे) जमीन अल दुआ फूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम खरीदी थी। 2008 में संगीत ने अपना हिस्सा बेच दिया था। 2011 में नए खरीदारों ने पुरानी कंपनी के नाम ही मीट फैक्ट्री शुरू कर दी।
मथुरा बाईपास स्थित गांव अमरपुर कोंडरा गांव के तीन भाइयों योगेंद्रपाल सिंह, देवेंद्रपाल सिंह व गजेंद्रपाल सिंह ने 57 बीघा जमीन अल दुआ फूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड के तीन डायरेक्टर संगीत सिंह सोम, मोइनुद्दीन कुरैशी और योगेश रावत के नाम बेची थी। लेकिन उन्होंने भी अल दुआ को बेच दिया। इसे खरीदने वाले मोहम्मद कामिल व उनकी पत्नी नासिरा बेगम ने 2011 में इसी नाम से कंपनी शुरू की। इसे रोजाना 2000 भैंस काटने की छूट है। यह कंपनी ईरान, सऊदी अरब, मलेशिया, फिनलैंड, दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों को मीट एक्सपोर्ट करती है।
संगीत सोम कंपनी डायरेक्टर नहीं : अल दुआ
अल दुआ फूड प्रोसेसिंग के कर्ता-धर्ता हसीन का कहना है कि उनकी कंपनी में संगीत सोम नाम का कोई डायरेक्टर नहीं है। उधर, कंपनी की वेबसाइट पर भी मोहम्मद कामिल व उनकी पत्नी नासिरा बेगम ही सक्रिय डायरेक्टर के रूप में दर्ज हैं।
दादरी कांड पर आवाज उठाई तो करने लगे बदनाम : संगीत
विधायक संगीत सोम कहते हैं कि दादरी कांड के खिलाफ आवाज उठाने के कारण विरोधी बदनाम करने में तुले हुए हैं। सामने चुनाव लड़े सपा प्रत्याशी अब्दुल पर हमला बोला। कहा, अब्दुल ने चुनाव के दौरान यही आरोप लगाए थे। जांच में कुछ न निकला। संगीत ने माना कि 2005 में अल दुआ के डायरेक्टर के बतौर साथी डायरेक्टर योगेश रावत के मार्फत जमीन ली थी। 2008 में उन्हें ही बेच दी। डायरेक्टर भी नहीं रहे। संगीत ने कहा कि मीट फैक्ट्री लगाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। वे ङ्क्षहदू हैं और ऐसा सपने में भी नहीं सोच सकते। संगीत ने कहा, मुझे बदनाम करने के लिए कुछ भी कर लो, मीट के नाम कोई इल्जाम न लगाओ।