तबादलों से सुधार नहीं, हालात में परिवर्तन होना चाहिए: राम नाईक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने फिर सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर सपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि तबादलों से अपराध नहीं रुकते, इसके लिए मंथन होना चाहिए और अधिकारियों सहित सभी को जिम्मेदार बनना होगा। गिरती कानून व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने फिर सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर सपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि तबादलों से अपराध नहीं रुकते, इसके लिए मंथन होना चाहिए और अधिकारियों सहित सभी को जिम्मेदार बनना होगा। गिरती कानून व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सीएम से वार्ता होती रहती है। हालात में परिवर्तन होना चाहिए।
राज्यपाल फतेहपुर में अखिल भारतीय साहित्य परिषद कानपुर प्रांत के सम्मेलन को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था अहम मामला है। सरकार भले ही प्रयास कर रही हो लेकिन अभी अपेक्षित सुधार नहीं हुआ। बड़े पैमाने पर अधिकारियों के स्थानातंरण के सवाल पर कहा कि इससे सुधार की गुंजाइश नहीं बनती। सरकार व अधिकारियों में अपराध रोकने की इच्छा शक्ति होनी चाहिए। उन्नाव व हरदोई में मिले नर कंकालों के मामले पर कहा कि यह गंभीर मामला है, इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। प्रदेश सरकार से कहा गया है। मामले की जांच हो भी रही है।
24 जनवरी को उप्र स्थापना दिवस न मनाने पर थोड़ा तल्ख होते हुए राज्यपाल ने कहा कि मैंने सीएम अखिलेश यादव से स्थापना दिवस मनाने को कहा था, लेकिन वह सुनकर टाल गए। कहा कि मुंबई में स्थापना दिवस मनाया जाता है और प्रदेश के लोगों को इसकी सुधि नहीं है। इस मामले पर अच्छी सोच के साथ जन आंदोलन होना चाहिए। उन्होंने साहित्य परिषद से भी अगले साल हर जिले में उप्र स्थापना दिवस मनाने का आह्वïान किया।