मनरेगा घोटाले में ईडी ने तेज की जांच
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) घोटाले में प्रवर्तन नि
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच तेज कर दी है। ईडी के इलाहाबाद स्थित क्षेत्रीय उप कार्यालय ने आरोपी अफसरों की तैनाती और सेवानिवृत्ति से संबंधित ब्यौरा हासिल कर छानबीन शुरू कर दी है। इन अफसरों के आयकर रिटर्न, बैंक खातों और संपत्तियों की भी पड़ताल की जा रही है।
ईडी ने गत दिनों इलाहाबाद के क्षेत्रीय उप कार्यालय में मनरेगा घोटाले में सीबीआइ जांच के आधार पर आठ मुकदमे दर्ज कर घोटालेबाजों का ब्यौरा हासिल करना शुरू कर दिया है। मनरेगा में संतकबीरनगर, कुशीनगर, गोंडा, बलरामपुर, सोनभद्र, मीरजापुर और महोबा में हुए घोटाले में सीबीआइ ने जांच कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी है। इसकी प्रति ईडी को भी दी है। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने तत्कालीन छह मुख्य विकास अधिकारी और चार परियोजना निदेशक (पीडी) को निशाने पर रखा है। इनकी भूमिका घोटाले में संदिग्ध है और घोटाले की आय से काफी संपत्ति बनाई है। सीबीआइ की जांच में इनके खिलाफ काफी अहम साक्ष्य भी मिले हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ पड़ताल में सक्रिय ईडी केंद्र और राज्य की कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार कर धन की हेराफेरी करने वाले सभी आरोपियों की कुंडली तैयार कर चुकी है। पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद ईडी के अफसर संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई एक साथ शुरू करेंगे। दरअसल, केंद्र की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम का असर दिखाने के लिए ईडी ने एक साथ बड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। इधर, हर दूसरे-तीसरे दिन एक दो मामले दर्ज किए जा रहे हैं। अधिकतम छह महीने के भीतर इन मामलों में कार्रवाई भी होनी तय है। कई पूर्व मंत्री और अफसरों का फंसना तय माना जा रहा है।
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