ताजमहल के धवल सौंदर्य को खतरा
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भले ही आगरा के ताजमहल तथा पर्यटन को लेकर बेहद गंभीर हों, लेकिन उनके मातहत जरा भी नहीं हैं। ताजमहल के संगमरमर की सफेदी को बचाने के भरसक प्रयास हो रहे हैं, लेकिन आगरा में ताज हेरिटेज कॉरीडोर में ही कूड़ा जलाया जा रहा है। जिसका काला
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भले ही आगरा के ताजमहल तथा पर्यटन को लेकर बेहद गंभीर हों, लेकिन उनके मातहत जरा भी नहीं हैं। ताजमहल के संगमरमर की सफेदी को बचाने के भरसक प्रयास हो रहे हैं, लेकिन आगरा में ताज हेरिटेज कॉरीडोर में ही कूड़ा जलाया जा रहा है। जिसका काला धुंआ इसकी सफेदी को कालिख में बदल सकता है।
दुनिया भर के सैलानियों में आगरा का ताज महल अपने धवल सौंदर्य के लिए विख्यात है, मगर ताज महल का यह सौंदर्य धीरे-धीरे कम हो रहा है। ऐसा हो भी क्यों नहीं। जब ताज के समीप ही कूड़े के ढेर और भ_ियां जलेंगी, तो ताज का हुस्न तो काला होगा ही। ताज हेरिटेज कॉरीडोर पर कल कूड़े के ढेर में आग लगा दी गई। धुएं के गुबार हवा के संग ताज तक पहुंचते रहे, लेकिन बेपरवाह अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
कल ताज हेरिटेज कॉरिडोर पर कूड़े में आग का यह काला धुआं आगरा किले से पर्यटकों को साफ नजर आया, लेकिन अफसरों को यह दिखाई नहीं दिया। जिले के अफसर ताजनगरी में गरीबों के घर में जलते उपलों और लकड़ी के चूल्हों पर तो रोक लगा सकते हैं, लेकिन उन्हें शहर भर में जगह-जगह जलते कूड़े के ढेर कहीं नजर नहीं आते। इनसे शहर में वायु प्रदूषण फैलने के साथ ही शहर के लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बढ़ रहा है।
जोर-शोर से किया था दावा
पिछले दिनों ताज महोत्सव में 'बियोंड द ताज' सेमिनार में कमिश्नर प्रदीप भटनागर ने ताज टिपेजियम जोन में उपलों व लकड़ी के चूल्हे जलने पर प्रतिबंध लगाने का दावा जोर-शोर से किया था। सर्वे में ताज पर धूल कण अधिक मिलने पर उन्होंने पाश्चात्य देशों के समान निर्माण कार्य ढककर कराने को कहा था, जिससे धूल नहीं उड़े। इसके बाद शहर में लगे एलईडी डिस्प्ले बोर्ड पर नगर निगम सीमा में उपलों की बिक्री प्रतिबंधित होने का मैसेज फ्लैश हो रहा है, मगर शहर में सरेआम जलते कूड़े पर कोई रोक नहीं लगा रहा।