ट्यूशन के नाम पर छात्रों का आर्थिक शोषण
कुरावली (मैनपुरी): कस्बा और क्षेत्र में चल रहे विद्यालयों के बच्चों को अभिभावकों द्वारा ट्यूशन के नाम पर पैसे खर्च किये जाने पर ही शिक्षा मिल रही है। विभाग द्वारा इस ओर कोई कार्रवाई न किये जाने के कारण जहां अभिभावकों में रोष व्याप्त है, तो वहीं ट्यूशनखोर शिक्षकों के हौंसले बुलंद हैं।
कस्बा और क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, माध्यमिक सहित इंटर कॉलेज चल रहे हैं। इन विद्यालयों में शिक्षा के नाम पर मात्र दिखावा किया जा रहा है। विद्यालयों में केवल कोर्स पूरा कराने के नाम पर खानापूर्ति ही की जाती है। नये सत्र में छात्रों के प्रवेश में जहां विद्यालय संचालकों द्वारा अवैध वसूली की जाती है, तो वहीं इनमें शिक्षा देने वाले शिक्षक भी पीछे नहीं रहते। शिक्षकों द्वारा विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को स्वयं से ट्यूशन पढ़ने पर जोर दिया जाता है तथा गृह परीक्षा में अच्छे अंकों से पास करने का लालच भी दिया जाता है। यदि छात्र ट्यूशन नहीं पढ़ता है तो उसे प्रताड़ित भी किया जाता है। विद्यालय में लिये गये टेस्ट में ट्यूशन पढ़ रहे छात्रों को सवाल पहले ही बता दिये जाते हैं, जो ट्यूशन नहीं पढ़ते हैं उन्हें नुकसान होता है। जिसको लेकर शिक्षकों द्वारा अभिभावकों से शिकायत की जाती है तथा संबंधित विषय में छात्र की कमजोरी बताकर ट्यूशन पढ़ाने पर जोर दिया जाता है।
विद्यालय के संचालकों तथा शिक्षकों का विद्यालय के छात्रों पर यह दबाव रहता है कि विद्यालय के छात्र विद्यालय के शिक्षक से ही ट्यूशन पढ़ें। यदि छात्र विद्यालय के शिक्षक से ट्यूशन नहीं पढ़ता है तो विद्यालय संचालक तथा शिक्षक छात्र को गृह परीक्षा में फेल किये जाने की धमकी तक देते हैं। सूत्रों का यहां तक कहना है कि विद्यालय संचालक शिक्षकों से ट्यूशन पढ़ाये जा रहे छात्रों के शुल्क से भी कुछ फीसदी प्रतिमाह वसूल करते हैं।
गली-गली खुली ट्यूशन की दुकानें
कस्बा के गली-मोहल्लों में ट्यूशन की दुकानों की बाढ़ सी आयी हुयी है। सुबह से ही छात्रों की कतारें शिक्षकों के आवास पर लगना शुरू हो जाती हैं जो विद्यालय की छुट्टी के पश्चात देर शाम तक दिखाई देती हैं।
नहीं होती कोई कार्यवाही
कोचिंग के नाम पर वर्षो से छात्रों का शोषण किया जा रहा है। गली-गली में खुले कोचिंग सेंटरों पर स्कूलों से ज्यादा छात्र-छात्राओं की भीड़ दिखायी देती है बावजूद इसके अब तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
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