पदोन्नति में आरक्षण अन्य वर्गो के साथ धोखा
सोनभद्र : पदोन्नति में आरक्षण के लिए सरकार अब संविधान संशोधन विधेयक लाएगी। इस फैसले का कर्मचारियों के एक वर्ग ने विरोध किया है तो वहीं एक वर्ग इसके पक्ष में है। सरकार के इस फैसले पर कर्मचारियों ने अपनी अलग-अलग राय दी।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला मंत्री सूरजबली सिंह ने कहा कि हर कर्मचारी बराबर है। इसलिए सभी को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। ऐसे में अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए सरकार संविधान में संशोधन कर अन्य वर्गो के लोगों के साथ धोखा कर रही है। जितेन्द्र नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के आरक्षण से सिरे से खारिज कर दिया है अगर सरकार ने ऐसा किया तो कर्मचारी खुलकर इसका विरोध करेंगे। बीएन तिवारी ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण बिल्कुल गलत है। जब नियुक्त में आरक्षण मिल ही रहा है तो पदोन्नति में आरक्षण देना अन्य लोगों के साथ अन्याय होगा। अंबेडकर महासभा के जिला महामंत्री आरसी सरोज ने कहा कि वे पदोन्नति में आरक्षण के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति का भर्ती में मानक पूरा नहीं है। इसलिए उनके उत्थान के लिए आरक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिन पदों पर सीधी भर्ती नहीं होती। पदोन्नति के आधार पर भर्ती की जाती है इसलिए उसमें भी 23 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए।
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