सड़कों के निर्माण में एक अरब का घोटाला
कानपुर, स्टाफ रिपोर्टर : यूपीएसआईडीसी में एक और घोटाला प्रकाश में आ रहा है। सड़कों के निर्माण में कागजों पर एमपीएम की परत डाल कर करीब एक अरब का घोटाला किया गया। यूपीएसआईडीसी इंप्लॉइज यूनियन ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और निगम के एमडी मनोज सिंह से कर अभिलेख भी सौंपे हैं। एमडी ने संयुक्त प्रबंध निदेशक को मामले पर वार्ता के लिए कहा है, ताकि जांच के लिए कमेटी गठित हो सके।
यूपीएसआईडीसी में सड़कों के निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग के मानक के अनुरूप किया जाता है। पीडब्ल्यूडी की सड़कों के निर्माण में मोटाई बढ़ाने के लिए एमपीएम का कार्य नहीं किया जाता है। बावजूद इसके निगम की सड़कों के निर्माण में एमपीएम का प्रावधान कर इस मद में करीब एक अरब रुपए का भुगतान किया गया। बीते वर्ष निगम के तत्कालीन अपर प्रबंध निदेशक देवी शंकर शर्मा ने यूपीएसआईडीसी इंप्लॉइज यूनियन की शिकायत पर जांच करवाई तो औद्योगिक क्षेत्र बंथर, रूमा, मंधना, मलवा में आठ करोड़ से अधिक का घोटाला पकड़ा गया। यह जांच निगम के कंसलटेंट एडवाइजर दीनेश्वर दयाल के नेतृत्व में टीम ने की थी। टीम ने देवरिया, जगदीशपुर, उटेलवा औद्योगिक क्षेत्रों में भी एक करोड़ से अधिक के घोटाले पकड़े थे। लेकिन इससे पहले की और क्षेत्रों में जांच होती राजनीतिक दबाव के कारण इसे रोक दिया गया। अब एक बार फिर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष एवं सपा के प्रदेश सचिव रमेश वर्मा और महामंत्री वीके तिवारी ने घोटालों से संबंधित फाइल मुख्यमंत्री, राज्यपाल और प्रबंध निदेशक को सौंपी है। आरोप है कि वर्ष 2008 से 2010 के बीच मुख्य अभियंता रहते अरुण मिश्रा ने जगदीशपुर, कुर्सी रोड, बस्ती, फैजाबाद, देवरिया, मलवा व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण में कागज में एमपीएम का कार्य करा करीब एक अरब का घोटाला किया। संयुक्त प्रबंध निदेशक वीपी वर्मा ने कहा कि शिकायत मिली है। जांच होने के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी। वहीं यूनियन के महामंत्री वीके तिवारी ने कहा कि यदि इस माह तक जांच शुरू नहीं हुई तो वे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे। यूनियन अध्यक्ष रमेश वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री को डाक से शिकायत भेजी थी, जल्द ही उनसे मिलेंगे।
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