Move to Jagran APP

कालाजार की काली छाया, कोसी में और गहराया

By Edited By: Published: Sat, 21 Apr 2012 06:33 PM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2012 06:33 PM (IST)
कालाजार की काली छाया, कोसी में और गहराया

श्यामल ठाकुर, पूर्णिया, जागरण प्रतिनिधि : कोसी में कालाजार की काली छाया और गहराती जा रही है। इस बीमारी ने इतनी जड़ जमा ली है कि प्रतिवर्ष मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिले के लगभग 650 गांव कालाजार की चपेट हैं। वैसे स्वास्थ्य विभाग भी इस बीमारी को लेकर खास चौकस है। मरीजों को दवा उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस बीमारी के रोकथाम के लिए विशेष उपाय कर रही है।

loksabha election banner

आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2010-11 में 2030 मामले सामने आए हैं। जबकि 2011-12 में 2232 मामले प्रतिवेदित हुए। बीते वर्ष के अनुपात में इस साल 202 नए मरीज चिन्हित हुए हैं। कालाजार के कहर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले के ऐसा कोई प्रखंड अछूता नहीं है जहां कालाजार ने अपना पांव पसार नहीं रखा है। खासकर शहर से सटे कसबा, जलालगढ़, डगरूआ, के नगर एवं बनमनखी में कालाजार जोन के रूप में चिन्हित हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष कसबा में 65, जलालगढ़ में 51, श्रीनगर में 35, पूर्णिया पूर्व में 50, डगरूआ में 63, बायसी में 13, अमौर में 44, भवानीपुर में 35, बैसा में 8 मरीजों को चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा शहरी इलाकों में भी कालाजार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सदर अस्पताल में भी कालाजार से पीड़ित मरीजों की संख्या कम नही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग यहां की स्थिति को देखते हुए दवा की उपलब्धता के प्रति सतर्क है। जांच का प्रबंध किया गया है। जो भी मरीज चिन्हित होते हैं उन्हे समय से दवा देकर समुचित इलाज शुरू कर दिया जाता है। मलेरिया पदाधिकारी डा राजेन्द्र प्रसाद मंडल कहते हैं कि कालाजार से निबटने के लिए डीडीटी का छिड़काव बहुत जरूरी है। इस दिशा में काम हो रहा है।

कैसे फैलता है कालाजार, बचाव के लिए क्या करें

पूर्णिया : कालाजार सेन्डफ्लाय(बालू मक्खी) मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर के पनपने का सबसे उपयुक्त नमी वाला जगह माना जाता है। मलेरिया पदाधिकारी डा राजेन्द्र प्रसाद मंडल बताते हैं मिट्टी वाले घर में इस मच्छर के पनपने का ज्यादा चांस रहता है। खासकर वैसे जगह जहां नमी के साथ-साथ अंधेरा रहता है वहां बालू मच्छर का होना निश्चित माना जाता है। घर के कोना में नमी और अंधेरा न रहे इस सजग रहने की जरूरत है। सबसे खास बात यह है कि यह सेन्डफ्लाय छह फीट की उंचाई तक ही वार कर सकता है। दीवार के छेद में भी इसके वास करने का उत्तम जगह माना गया है। यह मच्छर पनप नहीं सके इसके लिए घर के आसपास साफ सफाई एवं रोशनी का होना अनिवार्य है। घर के अगल-बगल जहां भी नमी हो वहां डीडीटी का छिड़काव अवश्य करते रहें।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.