पैसे के बूते बचता था पिंटू
शैलेन्द्र शर्मा, पटना
सर, बीस लाख ले लें। कुख्यात पिंटू ने पुलिस गिरफ्त में आते ही यह पेशकश एक पुलिस अधिकारी से की थी। पेशकश ठुकराए जाने के बाद रकम और बढ़ा दी गई, पर इस बार उसकी एक न चली। पैसे के बल पर कई बार हाथ आने के बाद बच चुके पिंटू ने फिर वही तीर चलाया था, जो नाकाम रहा। दो दशक पूर्व से मीठापुर में दहशत का पर्याय बने पिंटू के कई 'ऊंचे' लोगों से संबंध बताये जाते हैं।
सन् 88 में की पहली वारदात
मीठापुर बस स्टैंड में एजेंटी से कदम रखने वाले पिंटू ने सन् 88 में पहला अपराध किया था, उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा। ताबड़तोड़ हत्या और गोली-बम चलाकर उसने अपने नाम की दहशत पैदा कर दी। बम चलाने में वह माहिर है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जून 03 में जेल जाने और सन् 08 में जेल में रहने के दौरान पिंटू ने वहीं से अपराध का खेल जारी रखा, जिसके चलते उस पर इस दौरान कम मामले दर्ज हुए।
पुलिस वालों तक की कर चुका हत्या
विनोद गोप की सन् 96 में हत्या, शिवगोप के भांजे की हत्या, सागर हत्याकांड को अंजाम देने वाला पिंटू कितना खतरनाक है, इसका पता इस बात से चलता है कि उस पर एक कांस्टेबल की हत्या के अलावा एक दरोगा की हत्या कर पिस्टल छीनने का मामला दर्ज है।
रीयल इस्टेट के धंधे में हुआ सक्रिय
अपराध की दुनिया में कदम रख बेशुमार दौलत कमाने वाला पिंटू रीयल इस्टेट के धंधे में उतर चुका है। गोवा, मुंबई, बैंगलूरू, कोलकाता और दिल्ली में जमीन व फ्लैट की खरीद-फरोख्त करने वाला पिंटू हमेशा अपने ठिकाने बदलता रहता है। खास बात यह कि उसके रहने की जगह और मोबाइल नंबर का किसी को पता नहीं होता था, जिसके चलते वह पुलिस के हाथ से दूर था।
कई राज्यों की पुलिस को दी गई सूचना
कोलकाता में पिंटू के हत्थे चढ़ने के बाद टीम उसे लेकर विमान से पटना पहुंच गई और उसके बाद रांची, चेन्नई, मुम्बई, दिल्ली और कोलकाता पुलिस को जानकारी दे उसका आपराधिक रिकार्ड जुटा रही है।
रिमांड पर लेगी पुलिस
पूछताछ में पिंटू ने कई मामलों का खुलासा किया है। पुलिस उसे जेल भेजने के साथ रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई है।
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